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Krishna Janmashtami 2019:पग पखार उतर गईं यमुना, मेघमाला ने भी किया कान्‍हा स्‍वागत Agra News

शुक्रवार को चेतावनी लेवल पार कर 165.47 पर पहुंची शनिवार को 165.08 सेंटीमीटर तक उतरी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 07:04 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 07:04 PM (IST)
Krishna Janmashtami 2019:पग पखार उतर गईं यमुना, मेघमाला ने भी किया कान्‍हा स्‍वागत  Agra News
Krishna Janmashtami 2019:पग पखार उतर गईं यमुना, मेघमाला ने भी किया कान्‍हा स्‍वागत Agra News

आगरा, जेएनएन।  पांच हजार साल पहले भी भादों माह की अष्टमी को रोहणी नक्षत्र था जब कंस के कारागार में कान्हा जन्मे थे। लबालब बहती यमुना वसुदेव के यमुना किनारे पहुंचते ही इस कदर उतर गईं, मानो कभी उफान आया ही न हो। 24 अगस्त 2019 को फिर से ऐसा ही मौका आया जब हिलोरें मारती यमुना का जल रातों-रात ऐसे उतर गया मानो वह भी कान्हा के दर्शन कर गमन कर गईं। यह बात अलग है जाते-जाते बाढ़ का पानी बस्तियों में भर गईं।

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पिछले दिनों हथिनी कुंड से करीब आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था। यह गुरुवार की सुबह तक जब मथुरा पहुंचा तो हालात भयावह बनाता चला गया। यमुना के खादरों में बसी बस्तियों और कालोनियों सहित शेरगढ़, मांट, नौहझील, सुरीर आदि क्षेत्रों में बाढ़ का पानी खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर गया। वृंदावन और मथुरा की यमुना किनारे की बस्तियों में पानी भर जाने पर प्रशासन के माथे पर भी ङ्क्षचता की लकीरें उभर आईं थीं।

यमुना में पानी का चेतावनी लेवल 165.20 पर है। यमुना का जलस्तर गुरुवार की सुबह से शुक्रवार की सायंकाल तक बढ़कर 165.47 सेंटीमीटर तक जा पहुंचा था। चेतावनी लेवल से 27 सेंटीमीटर ऊपर बहने के बाद अचानक यमुना का जलस्तर उतरना शुरू हो गया। इस दौरान गोकुल बैराज के सभी 16 गेटों को फ्री कर दिया गया था। शनिवार को प्रयाग घाट पर यमुना का जलस्तर यकायक नीचे उतरते हुए 165.8 सेंटीमीटर पर उतर आया। गोकुल बैराज के अप स्ट्रीम में यह 163.25 है तो डाउन स्ट्रीम में यमुना का लेवल 163.20 आंका गया है, गोकुल बैराज से शनिवार को 47849 क्यूसेक पानी आगरा की ओर डिस्चार्ज किया गया।

मेघमाला के साथ कान्हा को प्रणाम करने पहुंचे इंद्रदेव

कृष्ण जन्माष्टमी पर मेघराज इंद्र ब्रज वसुंधरा पर मेहरबान हुए। बारिश की बूंदों से तर-ब-तर मथुरा नगरी में भक्ति और श्रद्धा का समंदर मचल उठा। अटूट आस्था के जन समुद्र में समूचा ब्रज मंडल समा गया। समूचे ब्रजमंडल पर मेघ भरे बादल छा गए।

चारों दिशाओं से भक्ति की मस्ती में डूबे भक्तों ने इंद्र देव को भी पिघला दिया। सुबह तपिश भरी गर्मी के बाद कहीं रिमझिम, कहीं झमाझम बारिश होती रही। खुशनुमा मौसम में श्रद्धालुओं के कदमों की रफ्तार बढ़ गई। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर समूची दुनिया का वैभव कान्हा की नगरी मथुरा के आंगन में सिमट गया। आस्था की बगिया में श्रद्धा के पुष्पों की सुगंध महक उठी। चारों दिशाओं से जन्मोत्सव के लिए उमड़े भक्तों से भगवान श्रीकृष्ण की भूमि संकरी नजर आने लगी। शनिवार की सुबह से ही शुरू हुए भक्तों के कारवां ने देर रात तक टूटने का नाम नहीं लिया। विभिन्न संस्कृति और भाषा से मथुरा नगरी में मिनी भारत की तस्वीर नजर आई।

पार्किंग स्थल में खड़ी गाडिय़ां और रोडवेज बसों में आने वाली भीड़ ने मथुरा की हर गली को कृष्ण भक्ति से सराबोर कर दिया । संगीतमय भजनों की धुनों पर थिरकते श्रद्धालु ब्रजरज की पावनता और दिव्यता का बखान कर रहे थे। स्वागत द्वार और रंगीन रोशनी से नजारा दर्शनीय रहा। जमोत्सव तो कान्हा का था, लेकिन वातावरण में गूंज राधे राधे की भी थी। आंखों में प्रभु दर्शन की लालसा तो जुबान पर राधे राधे के बोल ने कृष्ण की नगरी को भक्ति का सागर बना दिया।


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