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प्यास बुझाने को नहीं मिला गंगाजल, सूख गए नल

दो दर्जन कॉलोनियों में नहीं है पाइप लाइन, 300 फीट तक पहुंच चुका है भूजल स्तर, पानी है खारी

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 09:00 AM (IST)
प्यास बुझाने को नहीं मिला गंगाजल, सूख गए नल
प्यास बुझाने को नहीं मिला गंगाजल, सूख गए नल

आगरा, जागरण संवाददाता। मारुति एस्टेट 30 साल पहले विकसित हुई थी। यहां की दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन नहीं है। भूजल स्तर भी गिरता जा रहा है, कॉलोनियों में लगे सरकारी नल खराब पड़े हैं। गंगाजल की सप्लाई के लिए कॉलोनी के लोग जल संस्थान के साथ नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं।

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मारुति एस्टेट के तीन फेज हैं, इसे 1988 में विकसित किया गया था। पानी के लिए नल और सबमर्सिबल लगे थे। पिछले 30 सालों में यहां आस-पास दो दर्जन से अधिक कॉलोनी विकसित हो चुकी हैं। घरों में सबमर्सिबल लगने से भूजल स्तर 100 से 300 फीट तक पहुंच गया है। इससे पानी खारी होता जा रहा है। पीना तो छोड़िए इसे नहाने और कपड़े धोने के लिए भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। सड़क के दूसरी तरफ गंगाजल की सप्लाई है लेकिन मारुति एस्टेट की तरफ पाइप लाइन नहीं डाली गई है। यहां के लोगों को उम्मीद थी कि शहर में गंगाजल की सप्लाई होगी तो उनकी भी प्यास बुझ जाएगी। कॉलोनी में पाइप लाइन डले इसके लिए यहां के लोग कई महीने से जल संस्थान और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं।

उधर, कॉलोनियों में लगे सरकारी नल भी भूजल स्तर गिरने से खराब हो गए हैं। विधायक निधि से टंकी लगी थी, उनमें भी पानी नहीं है। सबमर्सिबल में खर्च हो रहे एक लाख रुपये

भूजल स्तर गिरने पर लोगों को बो¨रग दोबारा करानी पड़ रही है, भूजल का स्तर 300 फीट तक पहुंच चुका है। सबमर्सिबल लगवाने में एक लाख रुपये तक का खर्चा आ रहा है। इसके अतिरिक्त लोगों को पीने के पानी के लिए बोतल खरीदनी पड़ रही है, यह 10 से 15 रुपये में आ रही है। लोगों का दर्द

मारुति एस्टेट में पीने के पानी के लिए वाटर व‌र्क्स की लाइन नहीं है। गंगाजल के लिए जल संस्थान के चक्कर लगा रहे हैं।

विवेक सक्सेना भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, जल स्तर 300 तक पहुंच चुका है। इस स्तर पर भूजल खारी है, वाटर व‌र्क्स द्वारा पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।

एचबी दासानी सबमर्सिबल लगवाने में एक लाख रुपये तक का खर्चा आ रहा है, पानी भी खारी है, पानी, नहाने और कपड़े धोने के काम भी नहीं आ रहा है।

शारदा देवी पीने के पानी के लिए बोतल खरीदनी पड़ रही है, कॉलोनी में लगे नल खराब हो चुके हैं। सड़क के दूसरी तरफ तक ही गंगाजल की लाइन है।

सतीश अग्रवाल


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