तीन से चार घंटे देरी से आएंगे लोकसभा के नतीजे, जानिए ये हैं वजह
मतगणना प्रक्रिया में पहली बार बदलाव नतीजे घोषित होने में लगेंगे 10 से 13 घंटे। एक राउंड की घोषणा व शीट चस्पा के बाद होगी दूसरे राउंड की शुरुआत।
आगरा, अमित दीक्षित। राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव-2019 के रुझान व परिणाम देरी से आएंगे। निर्वाचन आयोग के आदेश पर पहली बार मतगणना प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। एक राउंड की घोषणा और शीट चस्पा होने के बाद ही दूसरे राउंड की ईवीएम टेबल पर आएंगी। इससे एक लोकसभा सीट का नतीजा आने में 10 से 13 घंटे तक का समय लग सकता है। पूर्व में इस प्रक्रिया में सात से नौ घंटे का समय लगता था। ऐसे में अब तीन से चार घंटे का अतिरिक्त समय लगेगा।
मतगणना को लेकर केंद्रीय उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप कुमार जैन ने शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में प्रदेश के दस मंडलों के 45 जिलों के डीएम व आरओ के साथ बैठक की। बैठक में 23 मई को होने वाली मतगणना को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में बताया गया कि इस बार पहले राउंड की मतगणना घोषित होने और शीट चस्पा होने के बाद ही दूसरे राउंड की मतगणना शुरू की जाए। अभी तक एक राउंड की मतगणना की शीट रिटर्निग अधिकारी (आरओ) द्वारा आगे भेजते ही दूसरे राउंड की मतगणना शुरु हो जाती थी। इसके चलते कई बार प्रत्याशी व एजेंट की मतगणना कार्मिकों से तकरार भी हो जाती थी। सामान्यत: पहले राउंड में 30 मिनट तक का समय लगता था, फिर हर अगले राउंड 15 मिनट लगते थे।
नए निर्देशों के अनुसार इस बार पहले राउंड में 40 से 45 मिनट का समय लगेगा। दूसरे से लेकर अंतिम तक प्रत्येक राउंड में 25 से 30 मिनट का अतिरिक्त समय लगेगा। पहले राउंड की शीट को सहायक रिटर्निग अधिकारी द्वारा आरओ को दिया जाएगा। आरओ शीट को प्रेक्षक को देंगे। प्रेक्षक द्वारा शीट पर हस्ताक्षर करने के बाद इसकी घोषणा की जाएगी। फिर इसे चस्पा किया जाएगा। यह प्रक्रिया खत्म होने के बाद दूसरे राउंड की ईवीएम आएंगी। अंतिम राउंड तक यही क्रम चलेगा। इसके अलावा पोस्टल बैलेट में क्यूआर कोड की स्कैनिंग, वीवीपैट की पर्चियों की गिनती और मिलान के चलते भी अतिरिक्त समय लगेगा। इस हिसाब से एक लोस सीट के मतों की गणना में 10 से 13 घंटे तक का समय लगेगा।
मतगणना में प्रत्याशी या एजेंट की हर शंका का होगा समाधान
केंद्रीय उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप कुमार जैन ने कहा है कि 17 वीं लोकसभा के मतों की गिनती में जल्दबाजी न की जाए। मतगणना की प्रक्रिया का पालन किया जाए। प्रत्याशियों या फिर एजेंट की प्रत्येक शंका को दूर किया जाए। शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में प्रदेश के दस मंडलों के 45 जिलों के डीएम व आरओ की बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय उप निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि 23 मई की सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे, फिर ईवीएम खुलेंगी। आयोग के सचिव एसबी जोशी ने कहा कि मतगणना स्थल के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीआर तिवारी मतगणना प्रक्रिया की जानकारी दी। बैठक में मंडलायुक्त आगरा अनिल कुमार, मंडलायुक्त अलीगढ़ अजय दीप सिंह, मंडलायुक्त कानपुर सुभाष चंद्र शर्मा, मंडलायुक्त बरेली रणवीर सिंह, डीएम आगरा एनजी रवि कुमार सहित अन्य अफसर मौजूद रहे।
ऐसे होगी पोस्टल बैलेट की गिनती
लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया गया है। मतगणना स्थल पर अलग पंडाल में क्यूआर कोड के स्कैनर सहित अन्य मशीनें होंगी। सबसे पहले १३-सी फिर १३-ए और अंत में १३-बी लिफाफा खोला जाएगा। हर लिफाफे के क्यूआर कोड को स्कैन किया जाएगा। मतगणना के बाद उसी पैटर्न पर इसे रखा जाएगा।
आरओ और एआरओ नहीं रख पाएंगे मोबाइल
मतगणना के दौरान आरओ और एआरओ अपने साथ मोबाइल फोन नहीं रख सकेंगे। इस नियम पर कई अफसरों ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका तर्क था कि पोस्टल बैलेट सहित अन्य के क्यूआर कोड का ओटीपी उनके मोबाइल पर ही आएगा। मोबाइल न होने पर दिक्कत होगी। इस पर उप निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जल्द ही आयोग द्वारा इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
दो शिफ्टों में लगेगी ड्यूटी
मतगणना में इस बार देरी होने की संभावना को देखते हुए कार्मिकों की ड्यूटी दो शिफ्ट में लगेगी, जबकि रिजर्व में कर्मचारी होंगे।
छह माह तक सुरक्षित रहेंगे वोट
23 मई को मतों की गणना के बाद छह माह तक ईवीएम के वोट को सुरक्षित रखा जाएगा। इस समय के बाद ही एम-थ्री ईवीएम को जिले से बाहर भेजा जाएगा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप