Move to Jagran APP

Vocal for Local: अब आलू से आत्मनिर्भर बनेगा आगरा मंडल का ये जिला

Vocal for Local गांवों में चलने वाले आलू चिप्स और पापड़ इकाइयों को मिलेगी संजीवनी। अभी देशी तरीके से बनाई जा रही है चिप्स संगठित क्षेत्र का होगा कारोबार।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 02:42 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 02:42 PM (IST)
Vocal for Local: अब आलू से आत्मनिर्भर बनेगा आगरा मंडल का ये जिला
Vocal for Local: अब आलू से आत्मनिर्भर बनेगा आगरा मंडल का ये जिला

आगरा, डॉ राहुल सिंघई। 'शिकोहाबाद के उरमुरा गांव के रहने वाले आलू किसान हरीमोहन पिछले आठ सालों से हरीमोहन पापड़ उद्योग चलाते हैं। आलू से चिप्स बनती है, मगर कीमत वहीं तीस से चालीस रुपये किलो मिल पाती है। हरीमोहन बताते हैं कि खेतों से सस्ते आलू खरीदते हैं और चिप्स बनाकर बाहर भी भेजते हैं, लेकिन मुनाफा वो नहीं मिल पाता, जो मिलना चाहिए।' 

loksabha election banner

हरीमोहन की तरह जिले में दर्जनों किसान हैं, जो आलू से चिप्स बनाने का काम करते हैं, लेकिन न तो इनके उद्योग का आधुनिकीकरण हो पाया है और न बाजार में इनकी मेहनत की कीमत मिलती हैं। कांच नगरी के नाम से मशहूर फीरोजाबाद आलू की पैदावार के लिए पहचाना जाता है, लेकिन अब तक यह फसल फायदे का सौदा साबित नहीं हो पाई। कभी तो किसान मालामाल होता है, लेकिन कई साल तक घाटा कमर तोड़ जाता है। आलू फीरोजाबाद में कई बार सियासी मुद्दा बना, लेकिन अब तक इसे कोई सटीक मुकाम नहीं मिल सका।कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत के तहत अब आलू का नंबर आया है। अब तक गांवों में चलने वाले आलू आधारित उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्यान विभाग की ओर से पहल होगी।

अच्छा आलू करेगा कंपनियों की चिप्स का मुकाबला

अभी चलने वाले चिप्स उद्योग में उस आलू का प्रयोग किया जाता है जिसकी कीमत बाजार में नहीं मिल पाती। हरे और कटे, आड़े तिरछे साइज के आलू से चिप्स बनाया जाता है। देसी मार्केट में इसकी बिक्री होती है, जिससे की अच्छी कीमत नहीं मिल पाती। गांव के उद्योगों में बनने वाली चिप्स की कीमत 30 से 40 रुपये के बीच मिलती है। शिकोहाबाद के आलू किसान मोहन बताते हैं कि खेत से निकालते में खराब होने वाले आलू से चिप्स बनती हैं। अभी तो बस मेहनत मजदूरी निकल आती है।

कभी मालामाल तो कभी बेहाल आलू किसान

आलू किसानों की हालत कभी मालामाल तो कभी बेहाल तर्ज पर रहती है। इस बार होने वाली फसल में जहां किसानों को जमकर मुनाफा हुआ, वहीं दो साल पहले लागत भी डूब गई थी। अब आत्मनिर्भर भारत योजना में आलू के उद्योगों की उम्मीद नजर आ रही है।

जिले के सिरसागंज और शिकोहाबाद में दो दर्जन से ज्यादा चिप्स उद्योग चल रहे हैं। वहां पर न तो मशीनें हैं और न बॉयलर है। अच्छी किस्म का आलू प्रयोग में नहीं लाया जाता। आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो सौ इकाइयों का चयन होगा, जिनके लिए सब्सिडी पर दस लाख तक की पूंजी दी जाएगी। ये इकाइयां अच्छे आलू का प्रयोग कर चिप्स तैयार करेंगी, ताकि किसान आलू से आत्मनिर्भर बन सके। 

विनय कुमार, जिला उद्यान अधिकारी

एक नजर

- 50,700 हैक्टेयर में होता है फीरोजाबाद में आलू की फसल

- 40 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं आलू की खेती से

- 1.50 लाख रुपये हैक्टयेर की लागत आती है आलू की

- 250 कुंतल पैदावार प्रति हैक्टेयर

- 02 दर्जन इकाइयां संचालित है चिप्स की

- 10 लाख रुपये अधिकतम सब्सिडी मिलेगी आत्मनिर्भर योजना में  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.