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Surrogacy Gang: आइवीएफ को 100 से अधिक विदेश यात्रा कर चुका है कोख का सौदागर, और भी चौंकाने वाली कई जानकारियां आईं सामने

International Surrogacy Gang 11 वर्ष दिल्ली के आइवीएफ सेंटरों में किया है विष्‍णुकांत ने एंब्रियोलॉजिस्ट के रूप में काम। केन्या नेपाल और रवांडा में ऑनलाइन कॉल पर जाता था वह।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 09:22 AM (IST)
Surrogacy Gang: आइवीएफ को 100 से अधिक विदेश यात्रा कर चुका है कोख का सौदागर, और भी चौंकाने वाली कई जानकारियां आईं सामने
Surrogacy Gang: आइवीएफ को 100 से अधिक विदेश यात्रा कर चुका है कोख का सौदागर, और भी चौंकाने वाली कई जानकारियां आईं सामने

आगरा, यशपाल चौहान। कोख के सौदागर गैंग से जुड़ा विष्णुकांत एंब्रियोलॉजिस्ट है। बेंगलुरू से गिरफ़्तार होने के बाद उसने पूछताछ में राज उगले। 11 वर्ष तक दिल्ली के आइवीएफ यानी इनविट्रो फर्टिलाइजेशन सेंटरों में काम कर चुका विष्णुकांत सौ विदेश यात्राएं कर चुका है। एक कॉल पर उसे वहां के आइवीएफ सेंटर द्वारा मोटी रकम दी जाती थी। अभी पुलिस उसकी कमाई के बारे में पूछताछ कर जानकारी करने का प्रयास कर रही है।

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आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में 19 जून को कोख के सौदागर गैंग से जुड़ी फरीदाबाद की नीलम और रूबी समेत पांच गिरफ्तार हुए थे। इसके बाद पुलिस राहुल, कल्पना और उसके पित सूरज नरायण को जेल भेज चुकी है। गैंग के सदस्यों से पूछताछ में जानकारी हुई कि गैंग की सरगना नेपाल में रहने वाली अस्मिता है। उसका पति डॉ . विष्णुकांत नोएडा में रहकर गैंग ऑपरेट करता है। बुधवार को पुलिस विष्णुकांत को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर यहां लाई। वह दरगाह पुरा, मुल्तानी, थाना चौबारा, जिला बीदर कर्नाटक का रहने वाला है। गुरुवार को उसने पुलिस को पूछताछ में बताया कि अस्मिता से नेपाल में उसकी मुलाकात वर्ष 2015 में हुई थी। वह दोस्त है। मगर, उसकी पत्नी नहीं है। उसका पत्नी मीता और दो बेटे कर्नाटक में रहते हैं। उसने कर्नाटक से ही एमएससी बायोटेक की। इसके बाद वर्ष 2002 में करीम नगर से एंब्रियोलॉजिस्ट की ट्रेनिंग ली थी। वर्ष 2005 में वह दिल्ली में पहुंच गया। वहां गौरी हॉस्पिटल में 15 हजार रुपये प्रतिमाह पर नौकरी की। कुछ दिन बाद नौकरी छोड़कर वह आइवीएफ सेंटर पर ऑन कॉल जाने लगा। एक केस के पांच से सात हजार रुपये लेता था। माह में करीब 20 से 25 केस कर लेता था। वर्ष 2015 तक वहां काम करके उसने नेटवर्क बना लिया। वर्ष 2016 के बाद उसने दिल्ली में काम बंद कर दिया। एक वर्ष बाद वह नोएडा के मकान को बेच दिया और कर्नाटक में शिफ्ट हो गया। कर्नाटक से वह ऑनलाइन कॉल आने पर नेपाल, रवांडा, केन्या में आइवीएफ के लिए जाता था। वहां एक कॉल के 20 से 25 हजार मिल जाते थे। आने-जाने का खर्च आइवीएफ सेंटर ही उठाते थे। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि अब तक वह करीब सौ बार इन देशों में जा चुका है। अभी उससे पूछताछ चल रही है। शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

बिना औपचारिकता के करता था आइवीएफ

अभी तक पुलिस की पूछताछ में विष्णुकांत ने बच्चा बेचने की बात नहीं कबूली है। मगर, यह स्पष्ट हो गया है कि वह आइवीएफ सेंटर पर बिना कागजी औपचारिकता पूरी किए एंब्रियो विकसित करता था। पुलिस इसे भी गैर कानूनी मान रही है। गैग के गिरफ्तार सदस्यों ने यह भी बताया था कि वे विष्णुकांत के कहने पर ही बच्चों को बेचने के लिए ले गए थे। मगर, अभी वह अंजान बन रहा है। पुलिस अभी उससे पूछताछ कर रही है।


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