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बरौली अहीर के चार गांवों में फैला बुखार

स्वास्थ्य टीम ने 115 ग्रामीणों का किया परीक्षण दवाएं बांटीं

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:00 AM (IST)
बरौली अहीर के चार गांवों में फैला बुखार
बरौली अहीर के चार गांवों में फैला बुखार

जागरण टीम, आगरा। बरौली अहीर क्षेत्र में घर-घर बुखार फैला हुआ है। गुरुवार को स्वास्थ्य टीम ने चार गांवों में शिविर लगाकर मरीजों का परीक्षण किया और दवाएं दीं। बरौली गूजर के मजरा ठार रामस्वरूप, मिलिक, ठार लायक सिंह का पुरा और ठार रामपुर में कई लोग वायरल बुखार की चपेट में हैं। उनका कहना है कि कमजोरी इतनी है कि खड़ा भी नहीं हुआ जाता। गुरुवार को जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चारों गांवों में शिविर लगाया। यहां कुल 115 मरीजों का परीक्षण हुआ और उन्हें दवाएं दी गई। सीएचसी के डा. अजय विक्रम सिंह ने बताया कि 52 मरीजों को बुखार, 20 को खांसी, 10 के जोड़ों में दर्द और 25 मरीज अन्य रोग संबंधी मिले। 40 मरीजों की रक्त के नमूने लिए गए हैं। शिविर में डा. लक्ष्मण सिंह, संतोष, अशोक, मन मोहन, रीतेश पचौरी मौजूद रहे। घर-घर जाकर जांच कर बांटीं दवाएं

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जागरण टीम, आगरा। डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर लोगों का उपचार कर रहीं हैं। वहीं उन्हें बीमारियों ने बचाने के उपाय भी बताए जा रहे हैं। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव रावर और टंकी नगर पहुंची। यहां उन्होंने लोगों को घर-घर लोगों की जांच की और दवाएं दीं। सीएचसी अधीक्षक एके सिंह ने कहा कि घर के आसपास व कूलरों में पानी एकत्रित न हो दें। उन्होंने ग्रामीणों से गांव साफ- सफाई रखने की अपील की। ताकि गांव में मच्छर न पनप सकें। डा. प्रमोद कुशवाहा, रंजीत नागर आदि मौजूद रहे। बाह में मुंहमांगी कीमतों पर डेंगू मलेरिया की जांच

जागरण टीम, आगरा। बाह तहसील क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू लगातार मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में कस्बे में जांच के लिए संचालित निजी पैथोलाजी वाले चांदी काट रहे हैं। एक जांच के एक हजार रुपये तक पैसे लिए जा रहे हैं। मरीज मजबूरी में मुंहमांगी कीमत देने को मजबूर हैं। अगर कोई बुखार से पीड़ित है। तो सरकारी अस्पताल से लेकर अस्पताल, झोलाछाप पहले उसके ब्लड की जांच कराने के लिए पर्चा थमा देते हैं। जांच के बाद ही पता चलेगा कहीं मलेरिया या डेंगू के लक्षण तो नहीं। इसका फायदा कस्बा में संचालित निजी पैथोलाजी वाले उठा रहे हैं। वे मरीजों से मुंह मांगी कीमत वसूल कर रहे हैं। अगर मरीज में डेंगू के लक्षण निकल आए तो पैथोलाजी संचालक का फायदा हो गया। क्योंकि जब तक प्लेट कम होना बंद नहीं होती तब तक उसकी नियमित हर रोज जांच होती है। ऐसे में एक मरीज को जांच के नाम पर ही तीन से चार हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। एक रजिस्ट्रेशन पर कई जगह संचालित

नगर पालिका में संचालित पैथोलाजी संचालक के बारे में बताया जाता है कि उसने एक रजिस्ट्रेशन पर क्षेत्र में कई जगह पर अपनी पैथोलाजी खोल रखी है। जबकि एक रजिस्ट्रेशन पर एक ही जगह पर दुकान चला सकते हैं। लोगों का कहना है कि कस्बा के अलावा जैतपुर व जरार में भी पैथालाजी संचालित है। सीएचसी की सीबीसी मशीन खराब होने का फायदा निजी लैब संचालक उठा रहे हैं। बाह कस्बे में संचालित निजी पैथोलाजी जो मानक के अनुरूप नहीं चल रही हैं। उनकी शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

सीएचसी अधीक्षक डा. जितेंद्र वर्मा दो सिपाही में डेंगू के लक्षण

बाह कोतवाली में तैनात आशीष व अनुराग में डेंगू के लक्षण मिले हैं। दोनों को सीएचसी में भर्ती कराया गया। जांच में उनकी प्लेटलेट्स कम होने पर डेंगू की आशंका जताई है।


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