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Gram Panchayat Chunav: आगरा के इस क्षेत्र में जलसंकट है गंभीर, चुनेंगे उसे जो बदल देगा तस्वीर

Gram Panchayat Chunav फतेहपुर सीकरी बिचपुरी क्षेत्र के गांव को है विकास की आस। पंचायत चुनाव में अब उसको चुना जाएगा जो विश्वास के साथ विकास की नई नजीर बनाएगा। पेयजल की समस्या को लेकर ग्रामीण पहुंच चुके हैं हाइकोर्ट तक।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 02:53 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 02:53 PM (IST)
Gram Panchayat Chunav: आगरा के इस क्षेत्र में जलसंकट है गंभीर, चुनेंगे उसे जो बदल देगा तस्वीर
फतेहपुर सीकरी, बिचपुरी क्षेत्र के गांव को है विकास की आस।

आगरा, जागरण संवाददाता। तीन हजार आबादी वाला फतेहपुर सीकरी का गांव सोनोथी पीने से लेकर सिंचाई के साधन तक के लिए तरस रहा है। भूगर्भ जलस्तर गिरता जा रहा है, सबमर्सिबल की पहुंच से पानी नीचे चला गया है। संसाधनों का कमी के कारण किसान सिंचाई के लिए वर्षाजल पर निर्भर हैं। जागरण टीम को अपने बीच देख ग्रामीण खुद समस्या गिनाने लगे, कहा कि नालियां चोक पड़ी हैं, जगह-जगह गंदगी का ढेर है। एएनएम सेंटर है, लेकिन सुविधा कोई नहीं है। पशुओं तक के टीकाकरण के लिए गांव में परेशान होना होता है। वादे बहुत हो चुके हैं। पंचायत चुनाव में अब उसको चुना जाएगा जो विश्वास के साथ विकास की नई नजीर बनाएगा।

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सोनोथी से आगे बढ़े तो दोपहर ढाई बजे आठ किलोमीटर दूर स्थित गांव जोताना पहुंच गए। गांव से कुछ पहले खेत पर रामचरन का परिवार गेहूं कटाई कर रहा था। उनसे पूछा कि सब तरफ चुनाफ की ब्यार है आप क्या मन बना रहे हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसान के लिए तो खेत ही उसका रण है और फसल उसकी सफलता। सड़कें अच्छी हो जाएं, बेहतर बीज समय पर मिल जाए और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो जाए बस इससे ज्यादा क्या चाहिए। कुछ आगे चले तो गांव के हरिपाल सिंह ने बताया कि भूगर्भ जलस्तर गिरने के कारण हैंडपंप और कुआं सूख रहे हैं। पानी खरीद कर ग्रामीण प्यास बुझा रहे हैं। बिजली आपूर्ति पर्याप्त नहीं होने के कारण नलकूप भी सिंचाई में उपयोगी नहीं हो पाते हैं। नालियां चोक रहती हैं और सड़कें भी क्षतिग्रस्त हैं। पंचायत चुनाव के अलग-अलग प्रत्याशी बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन विकास को धरातल पर उतारने वाले को ही चुना जाएगा। बिचपुरी के गांव खलौआ भी विकास में पिछड़ा ही है। पानी की पांच टंकियां खराब पड़ी हैं, जिससे लोग पानी को तरस रहे हैं। नालियां हैं नहीं, जिससे मुख्य मार्ग पर जलभराव हो जाता है। इस कारण कई बार रास्ता तक बाधित रहता है। बारिश के दिनों में बड़ा संकट खड़ा हो जाता है। गांव के भीकम सिंह ने बताया कि मोक्ष धाम पर टीनशेड, हैंडपंप कुछ नहीं है। जब वहां भीड़ जुटती है तो मुश्किल होती है। बारिश के दिनों में क्रियाकर्म में भी समस्या आती है।

बोले ग्रामीण

ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक विकास की बातें सभी प्रत्याशी करते हैं। चुनाव बाद सब भूल जाते हैं। जलसंकट क्षेत्र की प्रमुख समस्या है।

- चेतन प्रकाश, जोताना

गांव में सफाई कर्मी तैनात है, लेकिन सफाई नहीं होती है। एएनएम सेंटर भी नियमित नहीं खुलता है, पानी की समस्या तो बरसों से गंभीर बनी हुई है।

- छिददा सिंह, जोताना

सिंचाई और पीने के पानी की उपलब्धता हो तो क्षेत्र का विकास संभव है। अभी तक सभी के वादे कागजों तक सीमित हैं।

-मोहन सिंह, सोनोथी

क्षेत्र के प्रभावित 42 गांव की पेयजल समस्या के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका हूं लेकिन शासन-प्रशासन ग्रामीणों को पीने का पानी एवं सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।

- ज्ञान सिंह, सोनोथी 


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