Family of Leopard: चंबल के बीहड़ में आया तेंदुए का कुनबा, ग्रामीणों की दहशत में कट रही रात
नर व मादा तेंदुआ के साथ ग्रामीणों ने देखे दो बच्चे। रात के समय पहुंचते गांव के नजदीक।
आगरा, जेएनएन। चंबल के बीहड़ में कई प्रजाति के जंगली जानवर मिलते रहते हैं, लेकिन तेंदुआ कभी-कभार ही दिखता है। एक सप्ताह से नर, मादा तेंदुए दो बच्चों के साथ बीहड़ में देखे जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहेे हैं। रात जागते हुए गुजर रही है। चंबल सेंचुरी का बीहड़ जंगली जानवरों के लिए सुरक्षित घरौंदा है। बीहड़ में उन्हें पर्याप्त भोजन भी मिल जाता है। हालांकि रेंजर्स को इस बात की भनक नहीं है। मंगलवार को इलाके में तलाश कराई जाएगी।
ग्रामीणों ने बाघराजपुरा, कैंजरा, बरहा गांव के नजदीक बीहड़ में नर, मादा तेंदुए के साथ दो बच्चे भी देखे हैं। ग्रामीण पवन भदौरिया, किशनलाल के मुताबिक ये तेंदुए रात के समय गांव के नजदीक आ जाते हैं। ग्रामीणों को अपने परिवार व पालतू पशुओं की सुरक्षा का खतरा है। भयभीत किसान अपनी बकरी व पशुओं को लेकर बीहड़ की ओर नहीं जा रहे हैं। पूरी रात छत से रखवाली करने में गुजर जाती है। अप्रैल में बीहड़ में एक तेंदुए का शव भी मिला था, इस पर किसी ने धारदार हथियार से हमला किया था। उसके लगभग पांच महीने बाद फिर तेंदुए ने दस्तक दी है। इस संबंध में रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने कहा कि अभी तक किसी ग्रामीण ने इस प्रकार की कोई सूचना नहीं दी है। अब खबर लगी है, मंगलवार को टीम भेज कर पता लगवाया जाएगा।
पशुपालक की बकरी पर हमला
पुरा बाघराज निवासी किशनलाल बकरी पालन करता है। उसके पास 30 से 35 बकरियां हैं। सोमवार को बीहड़ में किसी जंगली जानवर ने उसकी बकरी पर हमला कर घायल कर दिया। वह जानवर, चरवाहों के एकत्रित होने पर भाग गया, जिससे बकरी की जान बच गई। किशनलाल के मुताबिक कई दिनों से बीहड़ में पशुओं के शव और कंकाल देखने को मिल रहे हैं। इससे अनुमान है कि बीहड़ में कोई खूंखार जंगली जानवर आ चुका है।