Honour:मातृत्व के मान पर आगरा में तैनात वसंत कुमार को मिला सम्मान
दिल्ली महिला आयोग ने एएसआइ के आगरा सर्किल में तैनात अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार को किया सम्मानित। ताजमहल में महिलाओं के लिए बनवाया था दुनिया का पहला स्तनपान कक्ष। इससे पूर्व दिव्यांग (दृष्टि बाधित) पर्यटकों के लिए भी वे काफी काम कर चुके हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। अनूठी सोच और नेक विचार हों तो अाप अपने काम से ही कीर्तिमान बना लेते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के आगरा सर्किल में तैनात अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार एक ऐसे ही अफसर हैं। मातृत्व के मान पर उन्हें सम्मान मिला है। उन्होंने महिलाओं का मान रखने को ताजमहल में स्तनपान कक्ष बनवाया था। महिलाओं को यह सुविधा देने वाला ताजमहल दुनिया का पहला स्मारक बना था। उनकी पहल पर केंद्र सरकार सभी राष्ट्रीय स्मारकों में स्तनपान कक्ष बनवाने के निर्देश दे चुकी है।
दिल्ली महिला आयोग ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को जिन 44 महिला-पुरुषों को महिलाओं के लिए काम करने पर दिल्ली में सम्मानित किया, उनमें डा. वसंत कुमार स्वर्णकार भी शामिल हैं। वर्ष 2019 की गर्मियों में एक दिन वो ताजमहल में निरीक्षण कर रहे थे। रायल गेट के बायीं तरफ स्थित वीआइपी टायलेट के नजदीक उन्हें एक मां अपने छोटे बच्चे को सीढ़ियों पर बैठकर स्तनपान कराती दिखी। असहज महिला को उसका पति किसी तरह कवर कर रहा था। इसके बाद उन्होंने छोटे बच्चों के साथ स्मारकों में भ्रमण को आने वाली महिलाओं को सुरक्षित व सुविधाजनक स्थल उपलब्ध कराने की सोची। इसकी शुरुआत उन्होंने ताजमहल से ही की। यहां वीआइपी टायलेट के बायीं तरफ स्थित गैलरी में स्तनपान कक्ष महिलाओं के लिए बनवाया। इसका शुभारंभ केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अगस्त, 2019 में किया था। इसके बाद आगरा किला में यह सुविधा शुरू की गई।
डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि एएसआइ समाज के हर वर्ग के लिए स्मारकों में कुछ न कुछ करता है, लेकिन छोटे बच्चों की माताओं के लिए स्मारकों में कोई सुविधा नहीं थी। एक बच्चे को स्तनपान कराती महिला को देखकर मैंने सोचा कि उनके लिए भी स्मारकों में कुछ व्यवस्था होनी चाहिए। ताजमहल में सबसे पहले स्तनपान कक्ष बनवाया। आगरा किला में बाद में यह सुविधा शुरू की गई। सिकंदरा व फतेहपुर सीकरी में स्तनपान कक्ष बनकर तैयार हो चुके हैं, शीघ्र ही उन्हें भी शुरू करा दिया जाएगा।
दिव्यांगों के लिए भी कर चुके हैं काम
आगरा के स्मारकों में महिला पर्यटकों के लिए स्तनपान कक्ष बनवाने वाले डा. वसंत कुमार स्वर्णकार इससे पूर्व दिव्यांग (दृष्टि बाधित) पर्यटकों के लिए भी काफी काम कर चुके हैं। राजस्थान के किलों और दिल्ली के स्मारकों पर उन्होंने ब्रेल लिपि में किताब तैयार कराई थी। उत्तराखंड में दिव्यांग (दृष्टि बाधित) पर्यटकों के लिए उन्होंने स्पीकिंग वेबसाइट बनवाई थी। दिल्ली व आगरा के स्मारकों पर उन्होंने मोबाइल एप भी तैयार कराया है। संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014 में स्वच्छता का संदेश देने को अपनाया गया स्लोगन 'स्वच्छ स्मारक, स्वच्छ भारत' भी उन्हीं का सुझाया हुआ है।
प्रोफाइल: डा. वसंत कुमार स्वर्णकार
डा. वसंत कुमार स्वर्णकार वर्ष 2018 से एएसआइ के आगरा सर्किल में अधीक्षण पुरातत्वविद के पद पर कार्यरत हैं। मध्य प्रदेश के दतिया में जन्मे वसंत स्वर्णकार ने उज्जैन से पोस्ट ग्रेेजुएशन तक पढ़ाई की। नागपुर से उन्होंने पी-एचडी की और इंस्टीट्यूट आफ आर्कियोलाजी से डिप्लोमा किया। वर्ष 1999 से एएसआइ में कार्यरत हैं। आगरा से पूर्व दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान आदि राज्यों में तैनात रहे हैं।