वंदे भारत का तीसरा ट्रायल पूरा, कोसीकलां में ट्रेन से टकराई नीलगाय; दुर्घटना के बाद मृत्यु, इंजन में फंसा मलबा
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत का संचालन नई दिल्ली से रानी कमलापति भोपाल के मध्य होगा। 694 किमी की दूरी ट्रेन 7.50 घंटे में तय करेगी। 16 कोच की ट्रेन में 14 एसी चेयर कार और दो एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच होंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक अप्रैल से नई दिल्ली से रानी कमलापति स्टेशन भोपाल के मध्य संचालित होने जा रही वंदे भारत का मंगलवार को तीसरा ट्रायल किया गया। 45 मिनट की देरी से यह ट्रेन दिल्ली पहुंची। कुछ ही देर में ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा रही। इससे पूर्व दो ट्रायल नागपुर व भोपाल में इस ट्रेन के हो चुके हैं। ट्रेन में पानी का ग्लास भरकर रखा गया। तेज रफ्तार के बाद भी ग्लास से पानी बाहर नहीं आया। छह माह पूर्व पहली वंदे भारत का ट्रायल हुआ था।
दिल्ली-आगरा रेल खंड देश के व्यस्ततम खंड में शामिल है। छह सितंबर 2022 को एक वंदे भारत का ट्रायल हुआ था। दिल्ली से आगरा पहुंचने में ट्रेन को 1.47 घंटे लगे थे। वापसी में भी इतना ही समय लगा था। मंगलवार को दूसरी वंदे भारत का ट्रायल हुआ। सोमवार रात एक बजे यह ट्रेन भोपाल से आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन को गुड्स लाइन में खड़ा कर दिया गया। 16 कोच की इस ट्रेन को मंगलवार दोपहर ढाई बजे प्लेटफार्म नंबर पांच पर खड़ा किया गया। दोपहर तीन बजे गार्ड वेद प्रकाश ने हरी झंडी दिखाई।
लोको पायलट डीके त्यागी ने ट्रेन को आगे बढ़ाया। कैंट से राजा की मंडी स्टेशन तक ट्रेन की रफ्तार 40 से 55 किमी रही फिर यह बढ़कर 100 से अधिक हो गई। शास्त्रीपुरम रेल ओवर ब्रिज से आगे ट्रेन की रफ्तार 150 से 160 किमी प्रति घंटा हो गई। नीलगाय टकराने के बाद ट्रेन की रफ्तार धीमी हो गई। यह ट्रेन 1.45 घंटे में दिल्ली पहुंचनी थी, लेकिन 45 मिनट की देरी से शाम साढ़े पांच बजे पहुंची। दिल्ली से यह ट्रेन 7.13 बजे रवाना हुई। वापसी में कुछ हिस्से में ही ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा रही। यह ट्रेन रात 9.10 बजे आगरा कैंट स्टेशन पहुंची। ट्रेन 20 मिनट के आसपास लेट रही। जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि वंदे भारत का ट्रायल किया गया है।
दुर्घटना के बाद नीलगाय की मृत्यु, इंजन में फंसा मलबा
कोसीकलां-होडल सेक्शन में ट्रायल के दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजन से नीलगाय टकरा गई। नील गाय की मृत्यु हो गई। होडल रेलवे स्टेशन पर इंजन की कमी को दूर किया जा सका। होडल रेलवे स्टेशन पर करीब 23 मिनट ट्रेन खड़ी रही। देश की सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेन वंदे भारत का ट्रायल मंगलवार को आगरा कैंट से निजामुद्दीन के मध्य 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया। दोपहर 3.40 बजे ट्रेन जंक्शन से गुजरी। जंक्शन से ट्रेन 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से निकली। मथुरा से निकलने के पांच मिनट बाद ही ट्रेन 160 की गति पर दौड़ने लगी। ट्रायल कर ट्रेन की फिजीविलिटी परखी गई।
7.50 घंटे में पहुंचेगी भोपाल से दिल्ली
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत का संचालन नई दिल्ली से रानी कमलापति भोपाल के मध्य होगा। 694 किमी की दूरी ट्रेन 7.50 घंटे में तय करेगी। 16 कोच की ट्रेन में 14 एसी चेयर कार और दो एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच होंगे। कुल 1128 यात्री सफर कर सकेंगे। यह ट्रेन आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से होकर गुजरेगी। अधिकारी ने बताया कि यह ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन से सुबह 5.55 बजे चलेगी। कैंट स्टेशन सुबह 11.45 बजे और दोपहर 1.45 बजे दिल्ली पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन दिल्ली से दोपहर 2.45 बजे रवाना होगी। शाम 4.45 बजे कैंट स्टेशन और रात 10.35 बजे भोपाल पहुंचेगी।
प्रधानमंत्री दिखा सकते हैं हरी झंडी
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल को वंदे भारत का संचालन शुरू होगा। इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
शताब्दी एक्सप्रेस से पहले पहुंचेगी वंदे भारत
दिल्ली से भोपाल पहुंचने में शताब्दी एक्सप्रेस को 10 घंटे से अधिक का समय लगता है, जबकि उसी दूरी को वंदे भारत 7.55 घंटे में तय करेगी। यानी शताब्दी से यह ट्रेन 1.20 घंटे पहले पहुंचेगी।
फोटो खिंचवाने के लिए मची होड़
आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर वंदे भारत के साथ और कोच में फोटो खिंचवाने की होड़ मची रही। रेलवे कर्मचारियों से लेकर यात्रियों तक ने फोटो खिंचवाए और वीडियो बनाया।
दिल्ली खंड है खास, गतिमान का भी हुआ था ट्रायल
दिल्ली-आगरा रेल खंड के नाम एक और रिकार्ड जुड़ गया। देश की पहली सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस का ट्रायल 22 मार्च 2016 को हुआ था। नई दिल्ली से आगरा कैंट स्टेशन पर यह ट्रेन 110 मिनट में पहुंची थी। वर्तमान में यह ट्रेन दिल्ली से झांसी तक चल रही है। इस रेल खंड पर अब तक दो दर्जन से अधिक ट्रेनों के ट्रायल हो चुके हैं।
कैंट स्टेशन में स्वचलित सीढ़ियां खराब
कैंट रेलवे स्टेशन पर तीन सप्ताह से लगेज की जांच करने वाली मशीन खराब पड़ी हुई है। इसकी शिकायत उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन के अधिकारियों से की गई है, जबकि मंगलवार को प्लेटफार्म नंबर एक की स्वचलित सीढ़ियां खराब हो गईं। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यात्री शिव शक्ति ने बताया कि स्वचलित सीढ़ियां खराब होने की शिकायत रेलवे के अधिकारियों से की गई है।