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साइबर हाईजीन का प्रयोग बचाएगा डाटा चोरी होने से

स्मार्टफोन का साइबर हाइजिन के जरीये हैकर्स से बचाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 05:32 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 05:32 PM (IST)
साइबर हाईजीन का प्रयोग बचाएगा डाटा चोरी होने से
साइबर हाईजीन का प्रयोग बचाएगा डाटा चोरी होने से

आगरा(जागरण संवाददाता): स्मार्टफोन में लॉक न लगाकर रखना यूजर को महंगा पड़ सकता है। कई हैकर्स ऐसे डिवाइस की तलाश में रहते हैं। मौका मिलते ही निजी जानकारियां चुरा लेते हैं।

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साइबर एक्सपर्ट सुधीर भारद्वाज ने बताया कि सबसे ज्यादा खतरा आपका ईमेल एकाउंट हैक होने का रहता है। क्योंकि उसमें आपके बैंकिंग और अन्य संवेदनशील जानकारियां होती हैं। इससे पासवर्ड लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। मगर, इन खतरों को थोड़ी सजगता से टाला जा सकता है। इस डिजिटल युग में साइबर हाइजीन की मदद से बड़े खतरों को टालना संभव है।

फोन करें लॉक

जब आप घर का दरवाजा अपनी गैर मौजूदगी में खुला नहीं छोड़ते, तो फोन कैसे खुला छोड़ सकते हैं। फोन पर पासकोड इस्तेमाल न करना, हैकर्स को खुला आमंत्रण देने जैसा ही है।

चार डिजिट का हो पासकोड

फोन में चार डिजिट का पासकोड जरूरी है। छह डिजिट का पासकोड इस्तेमाल करने पर उसका अनुमान लगा पाना 100 गुना और मुश्किल हो जाता है। लेटर और कैरेक्टर का इस्तेमाल करके इसे और मुश्किल बनाना संभव है। यह विकल्प एंड्रॉयड और आइफोन दोनों में है।

सेल्फ डिस्ट्रक्ट फीचर करें एक्विेट

सेल्फ-डिस्ट्रक्ट फीचर एक्टिवेट करना बेहद सुरक्षित तरीका है। इससे फोन में 10 बार गलत पासकोड डालने से फोन का डाटा पूरी तरह गायब हो जाएगा। आइफोन में सेल्फ डिस्ट्रक्ट फीचर यूजर सेटिंग्स में टच आइडी एंड पासकोड सेक्शन में जाकर एक्टिवेट कर सकते हैं। यदि आप पासकोड भूल जाते हैं या फिर आपका बच्चा भी खेलते वक्त गलती से नंबर दबाता रहता है, तो भी डाटा डिलीट हो जाएगा। एंड्रॉयड में भी ऐसा फीचर है।

इनक्रिप्शन का करें इस्तेमाल

आइफोन के साथ अच्छी बात यह है कि यह डिफॉल्ट में इनक्रिप्शन चलाता है। इसका मतलब है कि फोन पर स्टोर किया गया डाटा निकाला नहीं जा सकता या उसे दूसरे कंप्यूटर पर पढ़ा नहीं जा सकता, जब तक फोन को अनब्लॉक नहीं किया जाये। तब तक फोन से ली गई जानकारियां बिखरी हुईं और अपठनीय होती हैं। एंड्रॉयड में इसे सेटिंग्स में जाकर एक्टिवेट करना होगा। गूगल की पॉलिसी में भी इनक्रिप्शन उपलब्ध कराने का जिक्र है, लेकिन मार्केट में सिर्फ 2.3 एंड्रॉयड डिवाइस ही इस वर्जन पर चल रहे हैं।

करें डिवाइस फाइंडर सेटअप

फाइंड माइ आइफोन ऑप्शन सिर्फ फोन न मिलने पर खोजने के लिए नहीं है। अगर आपका डिवाइस किसी कारणवश गायब हो जाए, तोकाम आएगा लॉस्ट मोड। ऐसा करने से आपके फोन का स्क्रीन पासकोड के साथ लॉक हो जाएगा। यह ऐप आइफोन के साथ आता है, लेकिन आपको इसे अपने फोन खोने से पहले सेटअप करना होगा। आप एक्स्ट्रा फोल्डर में फाइंड आइफोन ऐप को खोज सकते हैं। एक्टिवेशन लॉक के कारण कोई चोर आपके फोन को बेच नहीं पाएगा। उसके लिए फोन इस्तेमाल करने लायक नहीं रह जाएगा। एप्पल आइडी के बिना इसे फिर से एक्टिवेट करना संभव नहीं। ये सारे नुस्खे फेल हो जाएं, तो भी आप फोन के डाटा को अपने कंप्यूटर के जरिए भी डिलीट कर सकते हैं। हालाकि, ऐसा करने से सारा डाटा खो जाएगा। हालांकि ऐसा ही विकल्प एंड्रॉयड में तो नहीं है। लेकिन आप गूगल के एंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर एप के साथ कई थर्ड पार्टी एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फोन का बैकअप बनाएं

मजबूरी में रिमोट सिस्टम से फोन का डाटा डिलीट भी करना पड़े, तो फोन का बैकअप बनाते रहना चाहिए। ऐसा करने से आप फोटो या अन्य महत्वपूर्ण डाटा खो नहीं पाएंगे। ध्यान रहे कि फाइंड माई आइफोन और एंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर को पहले ही इंस्टॉल करना होगा। फोन खो जाने के बाद कोई विकल्प नहीं है। साथ ही

सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें।


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