UP Lockdown News: दूसरे दिन भी ठहरा है शहर, पर नहीं है जरूरी सामान का टोटा
UP Lockdown News बाजार कार्यालय प्रतिष्ठान एक बार फिर रहे बंद। जगह- जगह बैरियर लगाकर रोका ट्रैफिक आवश्यक सेवाएं रहीं जारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। Lockdown Again का रविवार को दूसरा दिन है। 38 दिन के अनलॉक के बाद एक बार फिर जब शनिवार को लॉकडाउन लगा तो शहर थम गया। सड़कों का यह सन्नाटा रविवार को भी नहीं टूटा है। न बाजार खुले हैं और प्रतिष्ठान। शहर के सभी बाजारों में सन्नाटा है। एमजी रोड को छोड़ अन्य सड़कों पर गिने- चुने वाहन ही निकले हैं। 55 घंटे के लिए तमाम गतिविधियों पर प्रतिबंध के पहले दिन 'लॉकडाउन' जैसी स्थिति रही। ट्रेन को छोड़ परिवहन के अन्य साधन भी बंद रहे। इस बीच आवश्यक सेवाएं सुचारु रहीं। लॉकडाउन के बाद अनलॉक के पहले चरण में तीन जून से शहर के सभी बाजार व प्रतिष्ठान शर्तों के साथ खोले गए थे।
कोविड 19 और संचारी रोगों के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्य सचिव के निर्देश पर शुक्रवार रात दस बजे से 55 घंटे के लिए तमाम गतिविधियों पर प्रतिबंध लग गया। शनिवार को बाजार, गल्ला मंडी, व्यवसायिक प्रतिष्ठान आदि सुबह से बंद हैं। बंदी के दूसरे दिन भी मोतीगंज, बिजलीघर बाजार, शाह मार्केट, दरेसी, रावतपाड़ा, घटिया आजम खां, किनारी बाजार, शाहगंज, बोदला, राजपुर चुंगी, सेवला, रामबाग आदि बाजारों में सन्नाटा रहा। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़ जनसामान्य के लिए आवागमन पूरी तरह से बंद रहा। चौराहों पर बैरियर लगाकर चेकिंग की गई। माल वाहक वाहनों के आवागमन पर कोई प्रतिबंधत नहीं रहा। राष्ट्रीय एवं राज्यमार्गों पर परिवहन जारी रहा। धार्मिक स्थल और स्मारक पहले से ही बंद हैं। बता दें कि 22 मार्च के जनता कफ्यू के दिन से शहर के सभी बाजार बंद थे। 23 व 24 मार्च को प्रदेश सरकार की ओर से बंदी का आदेश, इसके बाद 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन हो गया था। तभी से पूरा शहर ठहरा हुआ था। अनलॉक के पहले चरण में तीन जून से शहर में बाजार और प्रतिष्ठान खुलने के बाद रौनक लौटी थी। इसके बाद जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए आठ जून से होटल, रेस्टोरेंट, आइसक्रीम पार्लर आदि भी खोल दिए गए थे।
गलियों-मोहल्लों में रही चहल-पहल
बंदी के पहले दिन सड़कों पर भले ही इक्का-दुक्का लोग निकले हों लेकिन गलियों और मोहल्लों में खूब चहल-पहल रही। सुबह-शाम घरों के बाहर लोगों का जमघट रहा। यह प्रतिबंध सोमवार सुबह पांच बजे तक रहेगा।
जरूरी सुविधाएं लगातार मिल रहीं
55 घंटे की बंदी के पहले दिन स्थिति तो 'लॉकडाउन' जैसी थी लेकिन सख्ती उतनी नहीं रही। चौराहों पर भी टोका-टाकी कम रही। यही वजह है कि लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। दवा, दूध जैसी जरूरी वस्तुएं उन्हें आसानी से उपलब्ध हुईं। सब्जी की भी किल्लत नहीं रही। विक्रेता ठेल लेकर मोहल्ले और कालोनियों में खूब घूमे।
शनिवार से बाजार तो सभी बंद हैं लेकिन मेडिकल स्टोर और डेयरी खुली रहीं। यहां तक पहुंचने के लिए आसपास के लोगाें को रोका भी नहीं जा रहा। दूधियों को भी नहीं रोका गया। इसलिए पैकेट के दूध को लेकर भी मारामारी की स्थिति नहीं रही। खुले दूध की बिक्री जमकर हुई। मुख्य मार्गों को छोड़ कालोनियों और मोहल्लों में ज्यादा सख्ती नहीं रही। यही वजह रही कि यहां चोरी-छुपे परचून की कई दुकानें भी खुलीं। इसके चलते लोगाें को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। हालांकि अधिकांश लोगों ने जरूरत का सामान पहले ही खरीद कर रख लिया था। फल और सब्जी विक्रेता भी सुबह-शाम ठेल लेकर फेरी लगाने निकले। पानी की बोतल की आपूर्ति जरूरी प्रभावित रही। पुलिसकर्मियों ने इनके टेंपों नहीं निकलने दिए। इसके चलते अधिकांश लोगों को बोतल का पानी उपलब्ध नहीं हो सका। जिन लोगों के घर के आसपास प्लांट थे, वह जरूर अपने दोपहिया वाहन से बोतल उठा लाए।
जरूरतमंदों को नहीं रही भोजन की कमी
लॉकडाउन के बाद शनिवार को एक बार फिर तमाम लाेगों ने भोजन के पैकेट वितरित किए। एमजी रोड किनारे फुटपाथ पर डेरा डाले लोगों को कई बार भोजन के पैकेट मिले। सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने यह पैकेट वितरित किए।