Move to Jagran APP

Ambedkar University Agra: पाठ्यक्रमों को मिली यूजीसी की स्वीकृति का अलीगढ़ कनेक्शन, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट

Ambedkar University Agra1993 में दाऊदयाल संस्थान के तीन पाठ्यक्रम थे यूजीसी से स्वीकृत। उस समय भी अलीगढ़ के ही प्रो. एसएस गुप्ता कुलपति थे। पहले साल में आएंगे आठ करोड़ रुपये 16 पाठ्यक्रमों में हैं 480 सीटें। वर्तमान के कुलपति भी हैं अलीगढ़ से।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:32 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 01:23 PM (IST)
Ambedkar University Agra: पाठ्यक्रमों को मिली यूजीसी की स्वीकृति का अलीगढ़ कनेक्शन, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम 27 साल बाद यूजीसी से स्वीकृत हुए हैं। फाइल फोटो

आगरा, प्रभजोत कौर। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम 27 साल बाद यूजीसी से स्वीकृत हुए हैं। इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय को पहले ही साल में आठ करोड़ रुपये मिलेंगे। स्वीकृति मिलने के बाद विश्वविद्यालय का अगला कदम पाठ्यक्रमों में आए आवेदनों की स्क्रूटनी कर विद्यार्थियों को यूजीसी पोर्टल पर पंजीकृत कराना है।

loksabha election banner

दाऊदयाल में शुरू हुए थे पाठ्यक्रम

खंदारी परिसर सि्थत दाऊदयाल संस्थान में 1993 में बीए वोकेशनल, बीएससी वोकेशनल और बीए वोकेशनल पाठ्यक्रमों को यूजीसी से स्वीकृति मिली थी।यह पाठ्यक्रम वर्तमान में भी संचालित हैं।इसके 27 साल बाद विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए 16 पाठ्यक्रमों को यूजीसी ने हरी झंडी दी है।1993 में तीनों पाठ्यक्रमों के लिए 27 लाख यानी एक पाठ्यक्रम के लिए नौ लाख रुपये मिले थे। वर्तमान में एक पाठ्यक्रम के लिए 50 लाख मिलेंगे, कुल 16 पाठ्यक्रमों के लिए आठ करोड़ रुपये यूजीसी प्रदान करेगी। यूजीसी द्वारा हर पाठ्यक्रम के लिए एक शिक्षक(संविदा) की तनख्वाह 50 हजार रुपये दी जाएगी।अतिथि शिक्षकों के लिए प्रति लेक्चर एक हजार रुपये मिलेंगे। हर पाठ्यक्रम में 30 सीटें हैं यानी 16 पाठ्यक्रमों में कुल 480 सीटें हैं।इन 480 सीटों में से 240 को भरना ही होगा, तभी यूजीसी पैसा रिलीज करेगा।

इन नियमों का करना होगा पालन

अब विश्वविद्यालय को इन पाठ्यक्रमों को चलाने के लिए यूजीसी के कुछ नियमों का भी पालन करना होगा।यूजीसी से समन्वय कर रहे प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि पाठ्यक्रम की पंजीकृत सीट संख्या के 50 फीसद से ज्यादा आवेदन होने पर ही पाठ्यक्रम को शुरू किया जाएगा।प्रत्येक पाठ्यक्रम में प्रवेशित विद्यार्थी का यूजीसी के पोर्टल पर पंजीकरण किया जाएगा, जिसकी अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है।इन पाठ्यक्रमों का 50 फीसद मूल्यांकन यूजीसी द्वारा निर्धारित सेक्टर सि्कल काउंसिल द्वारा किया जाता है, बाकी का 50 फीसद विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है।प्रत्येक पाठ्यक्रम का 60 फीसद अंश कौशल योग्यता पर आधारित होता है और शेष 40 फीसद अंश परंपरागत होता है।

इन कोर्सों को मिली है स्वीकृति

- एडवांस डिप्लोमा इन फूड एनालिसिस एंड क्वालिटी एश्यूरेंस

- सर्टिफिकेट कोर्स इन फूड एनालिसिस एंड क्वालिटी एश्योरेंस

- बीवॉक इन मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी

- बीवॉक इन रिन्यूबल एनर्जी

- बीवॉक इन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी

- बीवॉक इन रेफ्रीजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग

- बीवॉक इन सॉफ्टवेयर डवलपमेंट

- पीजी डिप्लोमा इन क्लाउड कंप्यूटिंग

- पीजी डिप्लोमा इन डाटा साइंस एंड एनालिटिक्स

- पीजी डिप्लोमा इन एंबेडेड सिस्टम डिजायन

- पीजी डिप्लोमा इन इंटरनेट अॉफ थिंग्स

- पीजी डिप्लोमा इन हर्बल ड्रग टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रिन्योरशिप

- पीजी डिप्लोमा इन फार्मास्यूटिकल फॉर्मयूलेशन एंड एंटरप्रिन्योरशिप

- बीवॉक इन रिटेल मैनेजमेंट

- बीवॉक इन बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग

- पीडी डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन टेक्नोलॉजी

अलीगढ़ ने बनाया संयोग

यह भी संयोग ही है कि जब 1993 में तीन पाठ्यक्रमों को यूजीसी से स्वीकृति मिली थी, उस समय भी अलीगढ़ के ही प्रो. एसएस गुप्ता कुलपति थे और 27 साल बाद 16 पाठ्यक्रमों को मिली स्वीकृति के समय भी अलीगढ़ से ही प्रो. अशोक मित्तल कुलपति हैं।

यूजीसी से मिली स्वीकृति विश्वविद्यालय के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अब हम विद्यार्थियों की संख्या और यूजीसी के अन्य नियमों का पालन करने की तैयारियों में जुटेंगे।

- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.