दवा बाजार में खपाई जा रहीं करोड़ों की बिना बिल की दवाएं
कफ सीरप से लेकर महंगे एंटीबायोजिक इंजेक्शन का अवैध धंधा दिल्ली राजस्थान से हाकर खरीद कर ला रहे दवाएं पंजाब हरियाणा में की जा रही सप्लाई
आगरा, जागरण संवाददाता। दवा बाजार में करोड़ों की बिना बिल की दवाएं खपाई जा रहीं हैं। दिल्ली और राजस्थान से हाकर बिना बिल की दवाएं लेकर आ रहे हैं, यहां से दवाएं दिल्ली और हरियाणा में सप्लाई की जा रहीं हैं।
नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले कफ सीरप, दर्द निवारक इंजेक्शन, नींद की टेबलेट के साथ ही महंगे एंटीबायोटिक इंजेक्शन की मांग बढ़ रही है। एक दर्जन हाकर दिल्ली और राजस्थान से कफ सीरप के साथ ही महंगे इंजेक्शन बिना बिल के खरीद कर ला रहे हैं। फव्वारा दवा बाजार में इन दवाओं को अवैध धंधा करने वाले कम रेट पर दवा कारोबारियों को सप्लाई कर रहे हैं। इसमें से एंटीबायोटिक इंजेक्शन की स्थानीय स्तर पर बिना बिल के अधिक रेट में बिक्री की जा रही है। वहीं, नशे के लिए इस्तेमाल हो रहे कफ सीरप, दर्द निवारक इंजेक्शन, नींद की टेबलेट को दवा कारोबारियों द्वारा ट्रांसपोर्ट और कोरियर से पंजाब और हरियाणा में सप्लाई किया जा रहा है। इन दवाओं का किसी भी स्तर पर बिल जारी नहीं किया जा रहा है, इससे कफ सीरप सहित दवाएं पकड़े जाने पर अवैध धंधा कर रहे कारोबारी पकड़ में नहीं आ रहे हैं। इस तरह हर महीने 10 से 15 करोड़ की बिना बिल की दवाएं दवा बाजार में खपाई जा रही हैं। कफ सीरप के सप्लायर का नहीं चल सका पता
15 अगस्त को आजमगढ़ में एसटीएफ ने ट्रक से लाखों की कीमत का कफ सीरप पकड़ा था, पूछताछ में ड्राइवर ने बताया था कि कफ सीरप आगरा के सिकंदरा क्षेत्र से ट्रक में रखा गया था। स्थानीय औषधि विभाग की टीम ने जांच की। सहायक औषधि आयुक्त एके जैन ने बताया कि कफ सीरप निर्माता कंपनी के थोक दवा कारोबारियों का पिछले छह महीने का रिकार्ड खंगालने पर पता चला कि कंपनी द्वारा थोक दवा कारोबारियों को फेंसिड्रिल कफ सीरप छह महीने से सप्लाई नहीं किया गया है। इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पहले पंजाब में नशीली दवाएं सप्लाई करने वाला गिरोह पकड़ा गया था। इसमें आगरा के दो सगे भाइयों को पकड़ा गया था। वे दवाएं कहां से खरीद रहे थे, यह भी पता नहीं चल सका है। वर्जन
यह मामला गंभीर है। बकायदा एडीएम स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में इस मामले की जांच कराई जाएगी। औषधि विभाग से भी जवाब तलब किया जाएगा- प्रभु एन सिंह डीएम