Most Wanted: पुलिस के लिए पहेली बने दो मोस्ट वांटेड Criminals
जिले में पचास हजार के हैं तीन इनामी दो बने रहस्य। एक जेल से छूटने के बाद हुआ फरार दूसरे का वर्षों से पता नहीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा पुलिस के लिए दो मोस्ट वांटेड पहेली बन गए हैं। ये जिंदा हैं या मुर्दा? इसकी भी पुलिस को जानकारी नहीं। एक का 13 वर्ष से किसी अपराध में नाम नहीं आया तो दूसरा चार वर्ष पहले जेल से छूटने के बाद गायब हो गया। इन तक पहुंचने के पुलिस के सारे प्रयास विफल हो चुके हैं। मगर, कागजों में अभी इनकी तलाश जारी है।
सैंया के अयेला निवासी रामनरेश अपहर्ताओं के गैंग का लीडर है। वर्ष 2007 में छत्ता क्षेत्र से उसने फिरौती के लिए अपहरण किया। इस मुकदमे में वह वांछित है। 21 नवंबर 2009 में रामनरेश पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित हो गया। मगर, अभी तक उसका पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। न तो उसके गैंग के किसी सदस्य से पुलिस को इसकी जानकारी हुई और न ही गांव से। उसके परिवार का भी कोई गांव में नहीं रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार मध्यप्रदेश में शिफ्ट हो गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह अय्याशी में मारा गया। मगर, उसका शव बरामद नहीं हुआ, इसलिए फाइल बंद नही हो सकती। पुलिस को इसका भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला। कई बार उसके इनाम की फाइल बंद करने के प्रयास किए, लेकिन पुलिस के पास कोई ठोस आधार नहीं है। हालांकि वर्ष 2007 के बाद किसी अभी अपराध में उसका नाम नहीं आया है। पुलिस अभी इसकी तलाश कर रही है।
दूसरा पचास हजार का इनामी करतार सिंह है। वह वर्ष 2013 में एत्माद्दौला के नरायच में किराए पर रहता था। उसने फरवरी 2013 में 14 वर्षीय किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म किया था। परिजनों ने पहले अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। कुछ दिन बाद बरामद हुई युवती के कोर्ट में दिए बयानों के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी। करतार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी के जेल में बंद होने के दौरान ही मुकदमे का ट्रायल हुआ। 23 अप्रैल 2016 को अदालत ने किशोरी को अगवा करने का दोष सिद्ध पाते हुए उसे साढ़े तीन साल की सजा सुना दी, जबकि दुष्कर्म के मामले का संज्ञान ही नहीं लिया। एक सितंबर 2016 को सजा पूरी होने पर वह जेल से रिहा हो गया। इसके बाद अभियोजन अधिकारी की ओर से दुष्कर्म के मामले में सजा के लिए हाईकोर्ट में अपील की गई। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेते हुए एक दिसंबर 2016 को आरोपी करतार सिंह को कोर्ट में पेश करने के आदेश पुलिस को दिए। इसके बाद से पुलिस ने उस तक पहुंचने को एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला है। तीसरा पचास हजार का इनामी धौलपुर के बसई डांग निवासी केशव है। यह सिकंदरा और सदर थाना क्षेत्र से फिरौती के लिए अपरण करने के मामले में वांछित है। इसे पुलिस अभी पकड़ नहीं पाई है।