Eco friendly: इस बार होगी अनूठी पहल, घर-घर विराजेंगे ट्री गणेश Agra News
मिट्टी की गणेश प्रतिमा के अंदर फल फूल सब्जियों के बीज रख कराई तैयार। प्रदूषण से निजात को गेरू और चूने को रंगने में किया प्रयोग।
By Edited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 11:15 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। इस बार ताजनगरी में ईको फ्रेंडली अनूठी पहल होने जा रही है। गणेश चौथ पर घर-घर और पंडालों में गणेश नहीं ट्री गणेश विराजेंगे। पर्यावरण प्रदूषण को घटाने और हरियाली को बढ़ाने के लिए आगरा क्रिएटिव क्लब ने मिट्टी की छोटी-बड़ी प्रतिमा तैयार कराई हैं। इनमें फल, सब्जी, फूलों के बीज रखे गए हैं और गेरू, चूने से रंग कर आकर्षक बनाया गया है।
दो सितंबर को गणेश चौथ है। इस अवसर पर घर-घर और पंडालों में श्रद्धालुओं द्वारा गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद इन्हें विसर्जन को लेकर संकट पैदा होता है। पीओपी, रसायन युक्त रंगों के प्रयोग से तैयार बड़ी-बड़ी प्रतिमा विसर्जन के लिए यमुना तट पहुंचती हैं। गत वर्षो से यमुना में विसर्जन पर रोक लगाई गई है। इसके लिए घाटों पर ही बड़े गड्ढे तैयार किए जाते हैं, लेकिन प्रतिबंध प्रभावी नहीं हो सका है।
आगरा क्रिएटिव क्लब ने प्रदूषण से निजात के लिए रास्ता निकाला है। क्लब ने ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा तैयार की हैं। मंगलवार को दिल्ली गेट स्थित होटल गोवर्धन में क्लब की ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि पिछले कुछ समय से घर-घर गणपति विराजमान कराने वालों की संख्या बढ़ी है। विसर्जन के दौरान लगने वाले जाम, पीओपी और रसायन युक्त रंगों से बनी प्रतिमा से निजात के लिए मिट्टी से गणेश प्रतिमा तैयार कराई है। कुंभकार से विशेष रूप से तैयार कराई गई प्रतिमा में सब्जियों, फलों और फूलों के बीज रखे गए हैं। इनका विसर्जन घर के गार्डन, गमलों में कर बीजों से होने वाली हरियाली का लाभ उठाया जा सकता है। इनका आकार छह इंच से पांच फीट तक का रखा गया है। रिवर कनेक्ट अभियान के बृज खंडेलवाल ने बताया कि यमुना में प्रदूषण स्तर कम करने के साथ गणेश विसर्जन से लगने वाले जाम से भी शहर को ट्री गणेश निजात दिलाएंगे। इस अवसर पर ममता सिंह, चारू पांडे, डॉ. सपना दास, डॉ. योगिता शर्मा, श्रवण कुमार, शैलेंद्र नरवाल, विशाल झा, दीपक राजपूत, अमित कोहली, विपुल खंडेलवाल, रुचि द्विवेदी, रंजन शर्मा आदि मौजूद थे।
दो सितंबर को गणेश चौथ है। इस अवसर पर घर-घर और पंडालों में श्रद्धालुओं द्वारा गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद इन्हें विसर्जन को लेकर संकट पैदा होता है। पीओपी, रसायन युक्त रंगों के प्रयोग से तैयार बड़ी-बड़ी प्रतिमा विसर्जन के लिए यमुना तट पहुंचती हैं। गत वर्षो से यमुना में विसर्जन पर रोक लगाई गई है। इसके लिए घाटों पर ही बड़े गड्ढे तैयार किए जाते हैं, लेकिन प्रतिबंध प्रभावी नहीं हो सका है।
आगरा क्रिएटिव क्लब ने प्रदूषण से निजात के लिए रास्ता निकाला है। क्लब ने ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा तैयार की हैं। मंगलवार को दिल्ली गेट स्थित होटल गोवर्धन में क्लब की ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि पिछले कुछ समय से घर-घर गणपति विराजमान कराने वालों की संख्या बढ़ी है। विसर्जन के दौरान लगने वाले जाम, पीओपी और रसायन युक्त रंगों से बनी प्रतिमा से निजात के लिए मिट्टी से गणेश प्रतिमा तैयार कराई है। कुंभकार से विशेष रूप से तैयार कराई गई प्रतिमा में सब्जियों, फलों और फूलों के बीज रखे गए हैं। इनका विसर्जन घर के गार्डन, गमलों में कर बीजों से होने वाली हरियाली का लाभ उठाया जा सकता है। इनका आकार छह इंच से पांच फीट तक का रखा गया है। रिवर कनेक्ट अभियान के बृज खंडेलवाल ने बताया कि यमुना में प्रदूषण स्तर कम करने के साथ गणेश विसर्जन से लगने वाले जाम से भी शहर को ट्री गणेश निजात दिलाएंगे। इस अवसर पर ममता सिंह, चारू पांडे, डॉ. सपना दास, डॉ. योगिता शर्मा, श्रवण कुमार, शैलेंद्र नरवाल, विशाल झा, दीपक राजपूत, अमित कोहली, विपुल खंडेलवाल, रुचि द्विवेदी, रंजन शर्मा आदि मौजूद थे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें