उप्र पर्यटन विभाग को आगरा में स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े स्थलों की तलाश
चौरी-चौरा शताब्दी समारोह मनाने जा रही है प्रदेश सरकार। पर्यटन निदेशालय ने मांगी है आगरा कार्यालय से जानकारी। इसके तहत वर्ष 1857 से लेकर वर्ष 1947 में देश को आजादी मिलने तक स्वतंत्रता समर में सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों सेनानियों से जुड़े स्थलाेें को भी तलाशा जा रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। पर्यटन विभाग देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनसे जुड़े स्थलों की तलाश कर रहा है। पर्यटन निदेशालय, लखनऊ द्वारा सभी जिलों से इसके लिए जानकारी मांगे जाने के बाद आगरा में भी ऐसे स्थलों की जानकारी जुटाई जा रही है।
उप्र सरकार चौरी-चौरा शताब्दी समारोह मनाने जा रही है। यह चार फरवरी, 2021 से चार फरवरी, 2022 तक मनाया जाएगा। चौरी-चौरा शताब्दी समारोह में प्रदेश के सभी जिलों में शहीद स्मारक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे कि युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी तथ्यपरक जानकारी मिल सके। इसके चलते पर्यटन निदेशालय, लखनऊ द्वारा सभी जिलों में शहीदों और उनसे जुड़े स्थलों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके तहत वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर वर्ष 1947 में देश को आजादी मिलने तक स्वातंत्र्य समर में सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े स्थल और आजादी की लड़ाई की गवाह रहे स्थलों को भी तलाशा जा रहा है। आगरा में भी पर्यटन विभाग ऐसे स्थलों की तलाश कर रहा है। इन स्थलों और स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी जानकारी जुटाकर निदेशालय को भेजी जाएगी।
पुलिस स्टेशन में लगा दी थी आग
गोरखपुर के चौरी-चौरा में चार फरवरी, 1922 को असहयोग आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों का दल पुलिस के साथ भिड़ गया था। एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी गई थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मियों और तीन नागरिकों की मौत हो गई थी। इस घटना के कुछ दिनों के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया था।