Top Agra News of the Day 10th November 2019, सूअर ने मार डाली मासूम,मायावती का चला डंडा, बांकेिबिहारी के दर पर खली, साध्वी ऋतंभरा ने कहा मंदिर आंदोलन ने चेतना दी
कासगंज में हुई दर्दनाक घटना। सात नेताओं पर अनुशासनहीनता पर कार्रवाई। परिवार सहित वृंदावन पहुंचे खली। वात्सल्य ग्राम में प्रेसवार्ता।
आगरा, जेएनएन। ब्रजमंडल में रविवार, 10 नवंबर 2019 की शाम तक के प्रमुख समाचारों पर आइए डालते हैं एक नजर-
सूअर का आतंक
कासगंज के गंगेश्वर कॉलोनी इलाके में शनिवार देर शाम दर्दनाक हादसा हो गया। पांच साल की मासूम बालिक को आदमखोर सूअर उठाकर ले गया और चबाकर मार डाला। इतना ही नहीं बच्ची को बचाने गए दो लोगों को भी सूअर ने हमलाकर घायल कर दिया। घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
आधा दर्जन से ज्यादा निष्कासित
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक साथ कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी के जिला अध्य़क्ष संतोश आनंद की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी के नीति निर्धारकों में शामिल और मायावती के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़, पूर्व मंत्री नारायण सिंह सुमन, पूर्व एमएलसी वीरू सुमन, पूर्व विधायक कालीचरण सुमन, पूर्व जिलाध्यक्ष भारतेंदु अरुण, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ मलखान सिंह व्यास, पूर्व जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
कान्हा की नगरी में द ग्रेट खली
दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली ने वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के दर्शन किए। इससे पूर्व शुक्रवार को मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि में दर्शन के बाद शनिवार को आगरा का भ्रमण किया था। मथुरा, आगरा के बाद रविवार को वे वृंदावन पहुंचे। ताजनगरी के भ्रमण के दौरान उन्होंने आगरा को दुनिया का खूबसूरत शहर बताया। जल्द ही आगरा और मथुरा में डब्लूडब्लूएफ की एकेडमी खोलने की बात कही।
अयोध्या पर साध्वी
वात्सल्य ग्राम में रविवार को मीडिया से वार्ता करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि रामजन्मभूमि के लिए पांच सौ साल लगातार संघर्ष चला। ये संघर्ष केवल भगवान के जन्मस्थान का नहीं, बल्कि सारा विश्व जो भौतिकवाद, आतंकवाद की मार को झेल रहा है, उसका मार्ग प्रशस्त करने का था। ये जिम्मेदारी भारत की इसलिए थी कि भारत के पास ज्ञान का अमृत है। इस अमृत को सुरक्षित रखना और बांटना भारत की जिम्मेदारी है। हम राजनैतिक रूप से आजाद तो हुए, लेकिन बहुत भारी मानसिक गुलामी के शिकार रहे। श्रीरामजन्म भूमि के आंदोलन ने हमें चेतना दी।