CoronaVirus: कोराना काल का तनाव न होने दें दिमाग पर हावी, जमकर करिए गपशप
CoronaVirus कोरोना संक्रमण में तनाव की जिंदगी जी रहे लोग। नौकरीपेशा से लेकर कारोबारी हैं इन दिनों परेशान।
आगरा, अजय दुबे। कोरोना ने लोगों की जिंदगी में तनाव बढा दिया है, वे सुबह से लेकर रात तक तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं। इसका असर उनके व्यवहार से लेकर काम पर पडने लगा है। नया करने और सोचने की शक्ति कमजोर होती जा रही है। ऐसे तमाम लोग मनोचिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं।
केस वन- एक निजी कंपनी में मैनेजर का कोरोना संक्रमण में व्यवहार बदल गया है, वे छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते हैं, उनकी काउंसिलिंग की गई, अब सुधार है।
केस टू- लॉकडाउन में दुकान बंद रहने के बाद अनलॉक में ग्राहकों के न आने से कोरोबारी तनाव में हैं, वे गुमसुम रहने लगे हैं। स्वजनों ने मनोचिकित्सक से परामर्श लिया, उनसे खूब बात करने के लिए कहा गया है
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के प्रमुख अधीक्षक डॉ दिनेश राठौर ने बताया कि कोरोना संक्रमण में पहले लोगों को बीमारी होने का डर था, इसके बाद नौकरी जाने और व्यापार ठप होने की चिंता सताने लगी है। इससे वे अत्यधिक तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं। ऐसे में जो लोग गुमसुम रहने लगे हैं, बात बहुत कम करते हैं उनको ज्यादा समस्याएं हो रही हैं। तनाव मुक्त रहने के लिए जरूरी है कि आप अपनी समस्याएं साझा करें, अपने परिवार और दोस्तों से खूब बातें करें, गपशप करें। इससे व्यापार को बढाने का नया आइडिया आ सकता है। यह कुछ समय के लिए है, आगे अच्छा समय आएगा, इस तरह के विचार आने पर तनाव मुक्त रह सकते हैं।
गपशप से न्यूरो ट्रांसमिटर का बढ जाता है स्तर
दोतों और स्वजनों के साथ गपशप करने से न्यूरो ट्रांसमिटर डोपामाइन का स्तर बढ जाता है, इससे अच्छा महसूस होता है, तनाव खत्म हो जाता है और अच्छे विचार आने लगते हैं। इसलिए व्यस्त जिंदगी में अपने स्वजन और दोस्तों से खूब बातें करनी चाहिए।
तनाव में अकेला ना छोडे
परिवार के किसी सदस्य का व्यवहार अचानक से बदल जाए, वह बात करना बंद कर दे, खाना ना खाए। जिंदगी बेकार है, कुछ नहीं हो सकता, इस तरह की बातें करें तो विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में परिजन को अकेला ना छोडे, ऐसे केस में खुदकुशी की आशंका बढ जाती है।