Tiddi Dal Attack In UP: आगरा से निकली आफत मैनपुरी पहुंची, किसान दिखा रहे मुस्तैदी
Tiddi Dal Attack In UP भरतपुर मुरैना और मथुरा की ओर से आई आफत आगरा पार कर मैनपुरी पहुंची। देर शाम तक तीनों दलों ने फीरोजाबाद की ओर भरी थी उड़ान।
आगरा, जागरण संवाददाता। टिड्डी दल आगरा मंडल में आफत बनकर मंडरा रहे हैं। शुक्रवार को मथुरा की ओर से आगरा आया टिड्डी दल फीरोजाबाद पार कर शनिवार सुबह मैनपुरी पहुंच गया। मैनपुरी के कुरावली ब्लॉक के अलावा जागीर ब्लॉक के अजीतगंज दल का आतंक पहुंच चुका है। किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए आगरा और फीरोजाबाद के किसानों का तरीका अपना रहे हैं। थाली और ताली बचाकर टिड्डियों को भगाने के लिए शोर किया जा रहा है। वहीं इससे पूर्व शुक्रवार शाम को तीन दल जिले में आफत बनकर आए तो किसानों और कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों में खलबली मच गई। किसानों और विभागीय टीम ने खेतों में दौड़ लगा दी और हूटर, हाॅर्न, थाली बजाई। शाम होने के कारण स्प्रे मशीन की व्यवस्था कर ली गई, लेकिन तीनों रात होने से पहले फीरोजाबाद की ओर निकल गए।
राजस्थान की ओर से उड़ान भर रहे टिड्डी दलों को लेकर जिले में अलर्ट जारी था, लेकिन पास के दलों ने सभी को सकते में डाल दिया। शुक्रवार दोपहर बाद एक दल भरतपुर की ओर से कागारोल में प्रवेश कर गया। किसानों, कृषि विभाग के सहयोग से इसे भगाने में जुटे तो दल शमसाबाद, फतेहाबाद, बरौली अहीर होता हुआ अंधेरा होने से पहले फीरोजाबाद की ओर उड़ान भर गया। दूसरा टिड्डी दल मुरैना की ओर से जिले में प्रवेश कर गया, जो भदरौली, बटेश्वर होते हुए फीरोजाबाद की सीमा में प्रवेश कर गया। तीसरा टिड्डी दल मथुरा की ओर से शाम को आया और किसानों को डराने लगा। दल आगरा में ही रात में न रुक जाए इसलिए किसान उसे उड़ाने में जुट गए। दल खंदौली, आंवलखेड़ा, आहरन होते हुए दो भागों में टूट गया। इसमें से एक झुंड पचोखरा के रास्ते फीरोजाबाद की ओर गया, तो दूसरा एटा की ओर उड़ान भर गया। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि तीन दलों ने होश उड़ा दिए थे, लेकिन काबू पा लिया गया। दल जिले की सीमा के बाहर उड़ गए। मार गिराने के लिए स्प्रे मशीन की व्यवस्था भी कर ली गई थी।
अंधेरा होने से पहले फीरोजाबाद से एटा की तरफ उड़ी, जेल में मची रही अफरातफरी
शुक्रवार को मैनपुरी और आगरा की तरफ से आए चार टिड्डी दलों ने खलबली मचा दी। दोपहर से लेकर शाम सात बजे तक अधिकारी दौड़ते रहे। दोपहर दो बजे से पांच बजे तक हुए हमले में एक टिड्डी दल ने जेल में खलबली मचा दी। बंदियों को बैरिक से निकालकर थाली बजवाकर टिड्डी दल को खदेड़ा गया। शाम सात बजे आखिरी दल एका की तरफ से एटा की सीमा में दाखिल हो गया।
पंद्रह दिन पूर्व जिले भर में टिड्डी दल ने खलबली मचाई थी। शुक्रवार दोपहर 12 बजे मैनपुरी की तरफ से टिड्डी सिरसागंज तहसील के मदनपुर ब्लॉक के गांवों तक पहुंच गया। इसकी खबर लगते ही किसानों ने खेतों की तरफ दौड़ लगाई। थालियां बजाकर टिड्डी को भगाया। इसके बाद एक दल नसीरपुर और दूसरा मदनपुर ब्लॉक से अरांव की ओर चला। शेरपुर, अफजलपुर और लढूपुर गांव से निकला दल मैनपुरी चला गया और दूसरा कारीखेरा, से उखरेंड होता हुआ इटावा की ओर चला गया।
शाम लगभग चार बजे आगरा की तरफ से टूंडला से प्रवेश किए दो टिड्डी दल ने नारखी के गांवों में अफरातफरी मचाई। इसके बाद टिड्डी दल ने जिला कारागार और उसके आस-पास के खेतों में खड़ी फसल पर हमला बोल दिया। जिला कारागार के ऊपर बड़ी तादाद में टिड्डियों को उड़ते देख बंदियों और स्टाफ में खलबली मच गई। कुछ देर बाद टिड्डियां नीचे उतरकर वृक्षों और खेत में खड़ी लॉकी, तोरई, कद्दू, पालक आदि की फसल नष्ट करने लगी। यह देखकर बंदियों द्वारा थाली, कनस्तर बजाकर टिड्डी दल को भगाया। इसके बाद ही जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली। जेल अधीक्षक मुहम्मद अकरम ने बताया कि अचानक हुए टिड्डी के हमले से फसल को थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है। जेल से निकलने के बाद टिड्डी दल एका की ओर चला गया। वहीं दूसरा दल आगरा से फतेहाबाद की तरफ से आ गया। हर तरफ किसान परेशान रहे और खेतों में थालियां बजाते रहे। एक टिड्डी दल शाम को फरिहा और हाथवंत ब्लॉक के गांवों में पहुंचा। गांव नगला किरु और भीखनपुर में कुछ समय के लिए टिड्डी दल जमीन पर उतर आया। ग्रामीणों ने शोर मचा कर बड़ी मशक्कत से टिड्डियों को खेतों से उड़ाया। ग्रामीणों के अनुसार बाजरा, मक्का, ज्वार और धान की पौध को टिड्डियों के कारण आंशिक नुकसान पहुंचा है। कस्बा कोटला की ओर से आया टिड्डी दल हवा के रुख के अनुरूप मुस्तफाबाद - एका की ओर उड़ गया तब जाकर किसानों ने राहत की सांस ली। कृषि विभाग के अधिकारी एक गांव से दूसरे गांव की तरफ दौड़कर किसानों को एलर्ट करते रहे।
सतर्क रहें किसान, वापस आ सकता है टिड्डी दल
शाम लगभग सात बजे टिड्डी दल फीरोजाबाद की सीमा से निकलकर एटा की तरफ चला गया, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। उपकृषि निदेशक हंसराज ने बताया कि शुक्रवार चार दलों ने हमला बोला। किसानों के सक्रिय रहने से टिड्डी दल चला तो गया, लेकिन यह कभी भी वापस आ सकता है। इसलिए किसान सक्रिय रहें।
ऐसे करें बचाव
जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि टिड्डी दल 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलते हुए एक दिन में 100 से 150 किमी का सफर तय कर सकता है। ये जहां बैठता है पूरी फसल चट कर जाता है। ये अपने वजन से अधिक खाता है और हरी पत्ती, फूल, बीज सभी को नष्ट करती है। किसान भी खेतों में क्लोरोपाइरीफांस 20 फीसद या मैलाथियान 96 फीसद कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। अगर टिड्डियों का हमला होता है ताे किसान थाली, नगाड़े बजाकर, पटाखे चलाकर भी इन्हें भगा सकते है।