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Tiddi Dal Attack in Agra: फिर मंडराने लगी आफत, टिड्डी दल कभी भी कर सकता है जिले में प्रवेश

Tiddi Dal Attack in Agra धौलपुर से लौट खेरागढ़ के आसपास मंडरा रहा है टिड्डी दल। किया जा रहा भगाने का प्रयास।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 01:04 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 01:04 PM (IST)
Tiddi Dal Attack in Agra: फिर मंडराने लगी आफत, टिड्डी दल कभी भी कर सकता है जिले में प्रवेश
Tiddi Dal Attack in Agra: फिर मंडराने लगी आफत, टिड्डी दल कभी भी कर सकता है जिले में प्रवेश

आगरा, जागरण संवाददाता। टिड्डियां आफत बनकर जिले पर रोज मंडरा रही हैं। बुधवार को तीन दल आगरा के सीमा से लगे गांव के ऊपर से उड़ान भरते हुए मप्र, धौलपुर की ओर चले गए थे, तो गुरुवार सुबह से ही एक दल ने जिले की सीमा में प्रवेश कर दिया। अब शुक्रवार सुबह से खतरा फिर जिले की सीमा के आसपास मंडराने लगा है। धौलपुर से लौट कर टिड्डी दल खेरागढ़ के आसपास मंडरा रहा है। ग्रामीण हूटर, हॉर्न, थाली, घंटे बजाकर टिड्डियों को उड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हवा नहीं चलने के कारण क्षेत्र में खतरा बढ़ता जा रहा है।

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सोमवार को हुए टिड्डी दल के हमले ने कृषि विभाग को हिला रखा है। टिड्डियों की आहट पर भी विभाग सतर्क हो जा रहा है। जिले की सीमा को छूकर रोज दो से तीन दल गुजर रहे हैं, लेकिन दिन होने के कारण कोई भी दल आगरा में टिका नहीं है। गुरुवार सुबह आए दल ने जगनेर क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने खेतों में दौड़ लगा दी। आसमान में आफत को देख हर कोई भयभीत था तो कोई उन्हेंं मोबाइल में कैद भी कर रहा था। कृषि विभाग की टीम की मदद से किसानों ने हूटर, हार्न, घंटे, थाली बजाकर नीचे की ओर आ रही टिड्डियों को टिकने नहीं दिया। कुछ देर में ये दल धौलपुर की ओर रवाना हो गया, लेकिन इसमें से एक छोटा दल जगनेर क्षेत्र में छूट गया। दोपहर बाद इस दल ने भी धौलपुर की ओर उड़ान भर दी थी लेकिन शुक्रवार सुबह टिड्डियां वापस खेरागढ़ की ओर आ गईंं।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेेश ने बताया कि टिड्डी का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। कुछ झुंड आस-पास के जिलों में है तो कुछ राजस्थान की ओर से उड़ान भरकर आ रहे हैं। किसानों को जागरुक किया गया है, जबकि विभागीय टीम पूरी सतर्कता से निगरानी कर रही है।

टिड्डियों के कारण आसमान स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। खेत में जमकर घंटा बजाया, एक भी टिड्डी हमारे खेत में नहीं बैठ सकी। सभी ने उड़ान भर दी।

राजेंद्र, किसान

टिड्डी रोज क्षेत्र में आ रही है। एक स्पीकर खेत के पास कमरे में रख दिया है। उसको बैटरी से तेज बजा देते हैं, जिससे टिड्डियां टिकती नहीं है।

हरी सिंह, किसान

ऐसे करें बचाव

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि रात में टिड्डी बैठती है, तब इन पर स्प्रे होता है। किसान भी खेतों में क्लोरोपाइरीफांस 20 फीसद या मैलाथियान 96 फीसद कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। टिड्डियों का हमला होने पर किसान थाली, नगाड़े बजाकर, पटाखे चलाकर भी इन्हेंं भगा सकते है। टिड्डी दल एक दिन में 100 से 150 कमी का सफर तय कर सकता है। ये 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलता है। ये अपने वजन से अधिक खाता है और हरी पत्ती, फूल, बीज सभी को नष्ट करती है।


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