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JE Murder Case: तीन एसपी, 15 टीम, अब एसटीएफ भी मैदान में Agra News

72 घंटे बाद भी नहीं मिला पुलिस को कोई अहम सुराग। 31 लोगों से अब तक की गई पूछताछ।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 05:22 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 05:22 PM (IST)
JE Murder Case: तीन एसपी, 15 टीम, अब एसटीएफ भी मैदान में Agra News
JE Murder Case: तीन एसपी, 15 टीम, अब एसटीएफ भी मैदान में Agra News

आगरा, जेएनएन। जेई प्रदीप हत्याकांड के रहस्य से पर्दाफाश करने के लिए तीन एसपी, पंद्रह टीम लगी हैं और अब एसटीएफ को भी मैदान में उतार दिया गया है। अब तक पुलिस करीब 31 लोगों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन 72 घंटे बाद भी हत्यारों का कोई सुराग नहीं लग सका है।

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बिजली विभाग के पानी गांव फीडर पर तैनात जेई प्रदीप कुमार की गुरुवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एसपी सुरक्षा ज्ञानेंद्र सिंह, एसपी सिटी अशोक कुमार मीणा और एसपी क्राइम राधेश्याम राय की अगुवाई में अभी तक दस टीमें लगी थीं, लेकिन रविवार को पांच टीमें और बढ़ा दी गईं। इसमें चार टीमें आगरा की हैं। एसटीएफ को भी मैदान में उतार दिया गया है। स्पेशल टॉस्क फोर्स की टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना करने के बाद अपनी तहकीकात शुरू कर दी है। तीनों ही अधिकारी थाना जमुनापार में कैंप किए हुए हैं। फील्ड में वर्क कर रही पुलिस टीमों से पल-पल की जानकारी हासिल कर रहे हैं और उनको दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं। एसपी सिटी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि अभी तक जेई प्रदीप कुमार की हत्या में कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस की टीमें लूट, रंजिश समेत अन्य ङ्क्षबदुओं पर जांच कर रही है। अब तक 31 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। बिजली विभाग के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

51 हिस्ट्रीशीटर भी पुलिस के रडार

जेई हत्याकांड पुलिस ने अपने रडार पर हिस्ट्रीशीटर भी ले लिए हैं। थाना जमुनापार में 53 लोगों की हिस्ट्रीशीट खुली हुई है, जबकि दो जेल में हैं। उनकी भी गतिविधियों की पुलिस छानबीन कर रही है। इसके साथ ही पिछले पांच साल में लूट के मामले जो भी बदमाश संलिप्त रहे हैं, उनको भी उठाकर पुलिस पूछताछ कर रही है। इतना नहीं जो हाल फिलहाल में जेल से छूटकर आए शातिरों को भी तलाशा जा रहा है। पुलिस जेई हत्याकांड से पर्दाफाश करने के लिए एक एक बिंदु पर गहराई से छानबीन कर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है।

40 मुकदमें दर्ज, मांगा रिकॉर्ड

पानी फीडर से बिजली चोरी के थाना जमुनापार में 40 मुकदमे दर्ज हैं। मगर, अभी तक इस मामले में यह साफ नहीं हो सका है कि जेई प्रदीप कुमार ने कितने मुकदमा बिजली चोरी में किन-किन के खिलाफ कराए गए। इसका रिकॉर्ड का पुलिस बिजली विभाग से मांगा है। इसके पीछे पुलिस का मकसद किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज तो नहीं कराया गया है, जो आपराधिक प्रवृत्ति का रहा हो। ताकि, उससे भी पूछताछ की जा सके।

शराब के ठेकों पर भी खुफिया तंत्र

यमुनापार क्षेत्र के अलावा दूसरे शराब और भांग के ठेकों के इर्द-गिर्द भी खुफिया तंत्र सक्रिय है। पुलिस यह इस दिशा में भी काम कर रही है कि कहीं किसी ने लूटपाट के मकसद के जेई को रोका और विरोध करने में गोली चल गई। ऐसी वारदात चलते-फिरते लोगों को राह चलते लूट और छीनैती का काम करते हैं। ऐसे बदमाश शराब पीने के दौरान जेब खर्च खत्म होने पर लूट और छीनैती के लिए निकलते हैं।

कागारौल मुकदमें पर भी ध्यान केंद्रित

कागारौल में लूट के जिस मामले में जेई चौथे गवाह थे। उसमें पकड़े गए आरोपितों की तरफ भी पुलिस के शक की सुई गहरा रही है। इसलिए उसका भी अध्ययन किया जा रहा है। इसी मुकदमें का एक आरोपित जेल से छूटकर आया था, वह फरार है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।

लोकल में ही दौड़

अभी तक पुलिस ने जेई के हत्यारों की तलाश में कहीं कोई दबिश नहीं दी है। जमुनापार, राया और वृंदावन के बीच के क्षेत्र में ही बदमाशों की तलाश कर रही है। पानी गांव पुलिस भी पुलिस जांच के केंद्र में है। यही कारण है कि जैसे ही पुलिस को कोई इनपुट मिलता है, वह तत्काल वह बिजली विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर पूछताछ के लिए बुला लेती है।


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