बुजुर्ग आंखों में उजाले के लिए एक साथ तीन ऑपरेशन
आगरा: बुजुर्ग आंखें जिंदगी की चकाचौंध देख सकेंगी। इसके लिए एसएन में कॉर्निंयां ट्रांसप्लांट की गई।
जागरण संवाददाता, आगरा: बुजुर्ग आंखें जिंदगी की चकाचौंध देख सकेंगी। इसके लिए एसएन में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के साथ ही मोतियाबिंद के ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं। यहां डॉक्टर एक बार में आंखों के तीन ऑपरेशन कर रहे हैं।
एसएन में नेत्रदान से मिल रही कॉर्निया को दो मरीजों में प्रत्यारोपित किया जा रहा है। नेत्रदान के अधिकांश केस में मृतक की उम्र 60 साल से अधिक होती है, इन कॉर्निया को 60 साल की उम्र के बाद के मरीजों (कॉर्निया खराब होने से अंधता) में ही प्रत्यारोपित किया जाता है। इस उम्र में मरीजों को मोतियाबिंद भी होता है। ऐसे में एसएन में कॉर्निया प्रत्यारोपण के बाद भी मरीज साफ दिखाई नहीं देने की शिकायत कर रहे थे। यहां की आई बैंक की टीम को एम्स दिल्ली में कॉर्निया प्रत्यारोपण के साथ ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण दिया गया। आई बैंक प्रभारी डॉ. शैफाली मजूमदार ने बताया कि एम्स में प्रशिक्षण के बाद एसएन में कॉर्निया प्रत्यारोपण के साथ ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा रहा है। इसके लिए एक बार में तीन ऑपरेशन किए जाते हैं, पहले मोतियाबिंद हटाया जाता है। इसके बाद लैंस प्रत्यारोपित किया जाता है, इसके बाद कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जाती है। इससे 60 साल की उम्र के मरीजों को भी साफ दिखाई देने लगता है। इस तरह के एसएन में छह केस किए जा चुके हैं। इसके साथ ही आई बैंक में अत्याधुनिक सुविधाएं देने की कवायद चल रही है।
ईद को छुट्टी के दिन कॉर्निया ट्रांसप्लांट
शुक्रवार को नेत्रदान से एसएन को दो कॉर्निया मिलीं थीं, इन्हें 48 घंटे में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। ऐसे में शनिवार को ईद पर छुट्टी के दिन डॉक्टरों की टीम ने 80 और 70 साल की महिला और पुरुषों में कॉर्निया प्रत्यारोपित कीं।
सख्ती के बाद 10 मॉड्यूलर ओटी तैयार
एसएन की नई सर्जरी बिल्डिंग में 20 मॉड्यूलर ओटी बनने हैं। कार्यदायी संस्था द्वारा ओटी तैयार नहीं किए जा रहे थे। शासन स्तर से सख्ती के बाद 10 मॉड्यूलर ओटी तैयार कर दिए गए हैं। प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा ने बताया कि जल्द ही मॉड्यूलर ओटी में ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे। नई सर्जरी बिल्डिंग में 10 और मॉड्यूलर ओटी जल्द तैयार हो जाएंगे।