NGO Fraud, नारी सशक्तीकरण के नाम पर हजारों महिलाओं से ठगी, ये है पूरा मामला Agra News
सिकंदरा में संस्था ने खोला था कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र 1650। टेनरों के माध्यम से हजारों युवतियों को जोड़ा करोड़ों लेकर गायब।
आगरा, जागरण संवाददाता। कौशल विकास प्रशिक्षण से महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने के नाम पर संस्था ने हजारों को ठगी का शिकार बना लिया। प्रशिक्षण शुल्क के नाम उनसे रकम वसूलने के बाद करोड़ों रुपये लेकर गायब हो गई। पीड़ित महिलाओं द्वारा बुधवार को गांधी नगर में संस्था के एक पदाधिकारी का घर घेरने पर मामला हरीपर्वत थाने पहुंचा। महिलाओं ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।
हरीपर्वत थाने पहुंची महिलाओं ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2014 में शाहजहांपुर के रहने वाले अरुण कुमार ने आगरा समेत प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपने कार्यालय खोले। यहां पर पश्चिमपुरी क्षेत्र में संस्था ने शाखा खोली थी। इसमें महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, बुनाई, अचार, मेहंदी समेत 16 विभिन्न कोर्स में प्रशिक्षण देने की बात कही गई। संस्था ने इन कोर्स के बतौर ट्रेनर शहर की 1650 महिलाओं को अपने यहां नियुक्त किया।
ट्रेनर को पांच हजार रुपये महीने वेतन पर रखा था। इन ट्रेनर से 20-20 युवतियों की चेन बनाने की कहा। इस तरह हजारों युवतियां संस्था से जुड़ गईं। प्रत्येक युवती से 790 रुपये प्रशिक्षण शुल्क लिया गया। तीन महीने प्रशिक्षण के बाद युवतियों को दो हजार रुपये देने की कहा था। कुछ महीने तक प्रशिक्षण लेने वाली युवतियों और ट्रेनर को चेक दिए गए। इसके बाद संस्था ने प्रशिक्षण लेने वाली युवतियों और ट्रेनर को चेक तथा वेतन देना बंद कर दिया। दबाव बनाने पर संस्था द्वारा कुछ ट्रेनर को चेक दिए गए, जो बाउंस हो गए। ट्रेनरों के अनुसार उन्होंने संस्था के पदाधिकारियोंपर रकम देने का दबाव बनाया तो वह कार्यालय बंद करके गायब हो गए। उनके द्वारा हड़पी गई रकम करोड़ो में है। प्रशिक्षण लेने को शुल्क देने वाली युवतियां अब रकम वापसी की मांग कर रही हैं। इस पर ट्रेनर एकत्रित होकर बुधवार को गांधी नगर में संस्था के एक पदाधिकारी के घर पहुंच गए। उन्होंने हंगामे की आशंंका पर पुलिस को फोन कर दिया। धोखाधड़ी की शिकार महिलाओं ने पुलिस से आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की। इंस्पेक्टर अजय कौशल ने बताया मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र का है। पीड़िताओं से तहरीर देने को कहा गया है।
ट्रेनर को नहीं मिला वेतन
संस्था द्वारा नियुक्त की गई 1650 महिला ट्रेनर को कई महीने का वेतन नहीं दिया। इन ट्रेनर का कहना है कि युवतियां उनके माध्यम से संस्था से जुड़ी थीं। इसलिए वह अपनी रकम उनसे मांग रही हैं। वह कहां से यह रकम उन्हें दें।
चेक मिलने पर बढ़ गई थी युवतियों की संख्या
संस्था द्वारा शुरूआत में युवतियों को दो हजार रुपये के चेक बांटे गए थे। इससे अन्य युवतियां भी उससे जुड़ गई। बताते हैं संस्था के खिलाफ फीरोजाबाद में न्यायिक आदेश पर पूर्व में मुकदमा दर्ज किया गया था।