Move to Jagran APP

रंगों के पर्व पर यहां होता है पिंडदान, जानिए क्‍या है पश्चिम बंगाल का ब्रज से ये अनूठा नाता Agra News

परिवार में वंशज न होने की उम्मीद पर लोग करते हैं अपना पिंडदान। गुरु तुलसी और यमुना पूजन भी करते हैं उत्साह से

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 09:40 PM (IST)
रंगों के पर्व पर यहां होता है पिंडदान, जानिए क्‍या है पश्चिम बंगाल का ब्रज से ये अनूठा नाता Agra News
रंगों के पर्व पर यहां होता है पिंडदान, जानिए क्‍या है पश्चिम बंगाल का ब्रज से ये अनूठा नाता Agra News

आगरा, जेएनएन। ब्रज में देश भर से आने वाले श्रद्धालु अपनी-अपनी रीति भी निभाते हैं। होली पर खास तौर पर आने वाले पश्चिम बंगाल से लोग यहां गुरु, तुलसी और यमुना पूजन तो करते ही हैं, सज्जादान भी करते हैं। सज्जादान एक तरह से पिंडदान है और ये अनुष्ठान वो लोग करते हैं जिनके वंशज नहीं होते।

loksabha election banner

ब्रज की धरा जितनी अनोखी है उतनी ही अनोखी यहां निभाए जाने वाली परंपराएं हैं। वि‍विध प्रांताें से यहां श्रद्धालु आते हैं और अपने रीति रिवाजों के अनुसार परंपरा निभाते हैं। पश्चिम बंगाल के श्रद्धालुओं के लिए वृंदावन सबसे बड़ा तीर्थ है। चैतन्य महाप्रभु पांच सौ साल पहले वृंदावन आए थे। उन्होंने विलुप्त प्राय: वृंदावन की पहचान कर अपने अनुयाइयों को वृंदावन प्रकाश करने के लिए भेजा था। तभी वृंदावन में मंदिरों की श्रृंखला की शुरूआत हुई। पश्चिम बंगाल के श्रद्धालु इसे विशेष तीर्थ का दर्जा देते हैं।

केशीघाट पर ही करते हैं सज्जादान

वैसे तो वृंदावन में यमुना किनारे 39 प्राचीन घाटों का उल्लेख है, लेकिन केशीघाट का वर्णन पुराणों में भी मिलता है। यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने केशी नामक दैत्य का वध किया था। पश्चिम बंगाल के लोग केशी घाट पर ही सज्जादान करते हैं।

चार-पांच दिन तक रहता है कारवां

इस परंपरा को निभाने के लिए पश्चिम बंगाल के लोग होली से चार-पांच दिन पहले ही वृंदावन आने लगते हैं। बसों की कतारें आती हैं, ट्रेनों में जगह नहीं मिलती। हालांकि ये लोग यहां पर एक दिन ही ठहरते हैं। यहां पर गुरु, तुलसी पूजन भी करते हैं। अपना अनुष्ठान पूरा कर लौट जाते हैं। होली के दिन अपार भीड़ होती है।

घाट पर नहीं कराए गए इंतजाम

यमुना के केशी घाट के हालात खराब हैं। यहां पर गंदगी की भरमार है। यमुना में पानी भी कम है। कुछ महीने पहले शहर के नाले टेप करा दिए गए थे मगर अब ये नाले फिर यमुना में गिर रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए परेशानी होना लाजिमी है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.