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पर्यटकों पर भारी है ये संयोग, ताजमहल देखने आना चाहते हैं तो पहले कर लें जानकारी

वर्ष 2021 के पहले और अंतिम दिन ताजमहल बंद। इस बार 31 दिसंबर को साप्ताहिक बंदी के चलते बंद रहेगा स्मारक। पर्यटकों में निराशा शनिवार व रविवार को उमड़ सकती है भीड़। शुक्रवार को पर्यटकों के लिए चंबल सेंक्चुरी और सूर सरोवर बर्ड सेंक्चुरी का दीदार करना बेहतर रहेगा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 04:04 PM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 04:04 PM (IST)
पर्यटकों पर भारी है ये संयोग, ताजमहल देखने आना चाहते हैं तो पहले कर लें जानकारी
इस वर्ष ताजमहल 31 दिसंबर को शुक्रवार की वजह से बंद रहेगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। वर्ष का अंतिम दिन ताजमहल को निहारते हुए बिताने का प्लान है, तो भूल जाएं। शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के चलते ताजमहल बंद रहेगा। सैलानियों को बाहर से ही स्मारक देखना होगा, वो अंदर प्रवेश नहीं पा सकेंगे। इसे संयोग ही कहेंगे कि वर्ष 2021 के पहले दिन भी ताजमहल बंद रहा था और अंतिम दिन भी बंद रहेगा।

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वर्ष 2021 में एक जनवरी को शुक्रवार था और 31 दिसंबर को भी शुक्रवार है। शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के चलते ताजमहल बंद रहता है। इससे ताजमहल के कद्रदान न तो नववर्ष का स्वागत स्मारक का दीदार करते हुए कर सके थे और न साल को विदा कर सकेंगे। इससे नववर्ष के अंतिम दिन ताजमहल देखने का ख्वाब पालने वाले पर्यटकों को निराशा हाथ लगी है। इसके चलते शनिवार व रविवार को स्मारक में भीड़ उमड़ सकती है। शुक्रवार को आगरा आ रहे पर्यटकों के लिए चंबल सेंक्चुरी और सूर सरोवर बर्ड सेंक्चुरी का दीदार करना बेहतर रहेगा।

2010 में भी रहा था पहले और अंतिम दिन बंद

वर्ष 2010 में भी ताजमहल एक जनवरी और 31 दिसंबर को बंद रहा था। वर्ष 2016 में एक जनवरी और वर्ष 2004 में 31 दिसंबर को ताजमहल बंद रहा था।

पहले सोमवार को रहता था बंद

करीब दो दशक पूर्व तक ताजमहल शुक्रवार को खुला करता था। उस दिन सभी सैलानियों को स्मारक को निश्शुल्क निहारने का मौका मिलता था। सोमवार को देखभाल व अन्य कार्यों के लिए ताजमहल में साप्ताहिक बंदी रहा करती थी। इससे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व आगरा विकास प्राधिकरण को सप्ताह में दो दिन प्रवेश शुल्क से होने वाली आय प्रभावित होती थी। इसलिए सोमवार को ताजमहल खोलकर, शुक्रवार की साप्ताहिक बंदी लागू कर दी गई।

नमाज के लिए मिलता है प्रवेश

शुक्रवार को दोपहर की नमाज के लिए ही स्मारक में अकीदतमंदों को प्रवेश दिया जाता है। इसमें केवल स्थानीय लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है। गेट पर आइडी देखने के बाद प्रवेश दिया जाता है। 


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