Positive India: रेखा बुआ के घर से कोई नहीं जाता खाली, Lockdown में बनीं मददगार
किन्नरों की गुरू कर रहीं है जरूरतमंदों का सहयोग। राशन से लेकर पैसे तक हर जरूरत में कर रही मदद।
आगरा, प्रभजोत कौर। रेखा गुरू कहां रहती हैं? इस सवाल के जवाब में अपने घरों की दहलीज पर बैठे हुए कई हाथ एक साथ एक दिशा में उठ गए। लेकिन होंठों पर रेखा गुरू नहीं बल्कि रेखा बुआ का नाम था। आगरा के जगदीशपुरा क्षेत्र की एक बेहद पतली सी गली में रहती हैं रेखा गुरू। किन्नरों की गुरू और इस क्षेत्र में रहने वालों की वो बुआ हैं। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन में आस-पास की बस्तियों और मोहल्लों के हर जरूरतमंद की वे मदद कर रही हैं।इनके घर से कोई खाली हाथ नहीं जाता।
शुक्रवार सुबह आठ बजे जागरण टीम जब इनके घर पहुंची तो रेखा बुआ एक ठेल पर आटा, चावल, आलू और राशन के पैकेट रखकर तैयार थीं। खुद ने भी मास्क, हाथों में ग्लव्ज पहने हुए थे। पूछा तो बोलीं कि अपने परिवार वालों को मुसीबत के इस समय पर कैसे अकेला छोड़ दूं। रेखा बुआ निकल पड़ीं पतली-पतली गलियों में। एक-एक का नाम बुलातीं, उसके हाथ में राशन के पैकेट देतीं रेखा बुआ हर घर के दरवाजे पर पहुंचती रही। जब गली में भीड़ ज्यादा होने लगी और लोग शारीरिक दूरी भूलने लगे तो जोर से डांट लगाई। मुख्य सड़क पर निकल आईं और सभी को एक-एक मीटर की दूरी पर खड़ा करने के बाद ही राशन देना शुरू किया। बीच-बीच में किसी को अपनी बहन बताती तो किसी को अपनी भाभी। अपने शिष्यों को लगातार निर्देश देती जा रही थीं कि फलां भाभी को एक ही पैकेट क्यों दिया, उसकी देवरानी भी तो साथ रहती है। मेरी बहन को भी पैकेट दो, उसका पति बीमार है।
अब तक बांट चुकींं कई क्विंटल आटा
लगभग चालीस सालों से रेखा गुरु इस क्षेत्र में रह रही हैं। सैंकड़ों किन्नर इनके शिष्य हैं। हजारों बच्चों के जन्म की खुशी में आर्शीवाद लुटा चुकी हैं। कहती हैं कि एेसा समय कभी नहीं देखा। घर से निकलने में भी डर लगता है। जिस दिन से प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन किया है, हम अपने घर में ही हैं। इस समय उनके घर में उनके साथ तीन शिष्य रह रहे हैं। बाकी शिष्य अलग-अलग इलाकों में अपने घरों में हैं। लॉक डाउन में रेखा गुरू ने उन्हें घर से निकलने को मना कर दिया है। रेखा गुरू बताती हैं कि कई जरूरतमंद उनके पास आते हैं, किसी को राशन चाहिए तो किसी को पैसों की जरूरत होती है। मुझसे जितनी सेवा हो रही है, उतना कर रही हूं। आप सभी की खुशियों में हमारी खुशियां हैं। आप हैं तो हम हैं। सब सुरक्षित रहें, हम तो यही दुआ करते हैं। उनके शिष्य अनीता और राखी भी उनका सहयोग कर रहे हैं। लॉकडाउन के 10 दिनों में वे पांच क्विंटल आटा जरूरतमंदों को दे चुकी हैं।
ना निकलें घरों से
वे बताती हैं कि हम तो सभी से कह रहे हैं कि अपने घरों में रहो। बिल्कुल बाहर मत निकलो। इस बीमारी को तभी खत्म कर पाएंगे, जब घरों में रहेंगे।
पुलिसकर्मियों को दिए फल
लॉकडाउन में जी-जान से अपने काम में जुटे पुलिसकर्मियों को भी रेखा गुरू ने फल और पानी की बोतल दी। सिकंदरा, नाई की मंडी, कोतवाली थाने में जाकर वे सभी को आर्शीवाद देकर आईं।