Faceless Assessment Scheme: फेसलेस असिस्मेंट से मिल रही राहत, सबकुछ हुआ अब Online
Faceless Assessment Scheme आयकर विभाग में कर निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कवायद। सत्यापन व अपील के लिए भी आनलाइन हो गई है प्रक्रिया। कर निर्धारण प्रक्रिया में किसी प्रकार का मानवीय संपर्क व स्थानीय आकर कार्यालय की भूमिका नहीं होगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। फेसलैस असिस्मेंट योजना 2020 का आगाज होते ही आयकर विभाग द्वारा चयनित मामलों को प्रथम नोटिस, नेशनल ई-असिस्टमें सेंटर नई दिल्ली ने भेज दिए हैं। अब उनके उत्तर प्राप्त करने से लेकर निस्तारण तक की प्रक्रिया आनलाइन ही होगी। साथ ही इसके लिए सत्यापन यूनिट का अलग से गठन किया गया है। आयकर विभाग के साफ्टवेयर में आयकर कार्यालय आगरा में तैनात कर निर्धारण अधिकारियों को देशभर के करदाताओं के स्क्रूटनी के मामले दिखाई देने लगे हैं। अब कर निर्धारण अधिकारी उक्त मामलों में आनलाइन नोटिस भेजकर आनलाइन ही उत्तर लेंगे। सत्यापन की प्रक्रिया भी आनलाइन ही होगी। कुल मिलाकर अब कर निर्धारण प्रक्रिया में किसी प्रकार का मानवीय संपर्क व स्थानीय आयकर कार्यालय की भूमिका नहीं होगी।
वहीं आगरा के करदाताओं के स्क्रूटनी मामले अन्य शहरों के तैनात निर्धारित अधिकारियों को साफ्टवेयर पर दिखाई देने लगे हैं, जहां से वे यहां के मामलों का निस्तारण करेंगे। बता दें कि 13 अगस्त 2020 को आयकर विभाग की कर निर्धारण प्रक्रिया में हुई बदलाव का असर फेसलैस असिस्मेंट योजना 2020 के रूप में दिखाई देने लगा है। वर्ष 2020-21 के स्क्रूटनी के चयनित मामलों का निर्धारण अब फेसलैस ही होगा।
गोपनीय होगी प्रक्रिया
फेसलैस में नोटिस भेजने से लेकर कर निर्धारण तक की पूरी प्रक्रिया बिना मानवीय हस्तक्षेप व संपर्क के होगी। सत्यापन भी आनलाइन भेजे गए नोटिस व आनलाइन प्राप्त उत्तर के आधार पर होगा। निर्धारित प्रक्रिया व सत्यापन कार्य संयुक्त व अपर आयकर आयुक्त, प्रधान आयकर आयुक्त जैसे अधिकारियों की देखरेख में होगा।
अपील भी हुई फेसलैस
कर निर्धारण की अपील व सुनवाई भी फेसलैस हो गई है। अपील की सुनवाई स्थानीय आयकर कार्यालय में न होकर, आनलाइन व किसी अन्य शहर के आयकर आयुक्त (अपील) द्वारा पूरी होगी। अंतिम निर्णय आदेश जारी होने तक कई अधिकारियों की टीम विश्लेषण करेगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगने की उम्मीद है।
बदला क्षेत्राधिकार
आयकर मामलों की स्क्रूटनी को छोड़ अन्य सभी कार्य जैसे संशोधन, अपील प्रभाव, वसूली, करदाताओं की शिकायतें संबंधी आदि स्थानीय स्तर पर आयकर कार्यालय ही देखेगा। इनके लिए क्षेत्राधिकार में परिवर्तन कर प्रधान आयकर आयुक्त प्रथम आगरा के क्षेत्राधिकार में प्रधान आयकर आयुक्त द्वितीय आगरा व प्रधान आयकर आयुक्त अलीगढ़ के क्षेत्राधिकार को जोड़ा गया है। अब प्रधान आयकर आयुक्त प्रथम आगरा के प्रादेशिक क्षेत्राधिकार में आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, फर्रूखाबाद, कन्नौज, एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, झांसी व ललितपुर जिले शामिल होंगे।