पीएम मोदी के जाते ही गहराएगी भाजपा में गुटबंदी, जानिये क्या बन रही वजह
गंगा जल का श्रेय लेने पर भाजपा के दिग्गजों में मतभेद और गहरा रहे हैं। यह गुटबाजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से और गहरी हो गई है।
आगरा, संजय रुस्तगी। भाजपा के दिग्गजों के बीच चली आ रही गुटबाजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से और गहरी हो गई है। खास मुद्दा गंगाजल है, इसके श्रेय को लेकर पहले ही दिग्गज आमने-सामने थे। अब एक गुट के पाले में गेंद जाने से दूसरा गुट आक्रामक होने के मूड में आ गया है। एक गुट ने पार्टी हाईकमान को पत्र भेज कुछ नेताओं की कार्यशैली से पार्टी को नुकसान होने की आशंका जताई है।
भाजपा या सरकार का छोटा या बड़ा कोई आयोजन हो, पार्टी नेताओं की गुटबाजी हमेशा हावी रहती है। एससी आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया के साथ सांसद बाबूलाल मंच साझा करने से परहेज करते रहे हैं। कई विधायक भी कठेरिया के विरोध में हैं। प्रधानमंत्री की जनसभा के पीछे कठेरिया के प्रयास सामने आए हैं, जिसे विरोधी गुट पचा नहीं पा रहा है। खासतौर पर गंगा जल का श्रेय लेने की होड़ लगी है। विधायक योगेंद्र उपाध्याय गंगा जल परियोजना के पीछे अपने प्रयास बता ही चुके हैं, पार्टी के एक अन्य विधायक भी उनके साथ खड़े रहे हैं। अब सीएम के बजाय पीएम के हाथों इस परियोजना का शुभारंभ हो रहा है। चार जनवरी को सीएम को कठेरिया अपने साथ सिकंदरा स्थित गंगा जल प्लांट तक ले गए, इसे एक गुट गंगा जल परियोजना को कठेरिया की देन प्रचारित कर रहा है। इसकी काट के लिए योगेंद्र उपाध्याय को गंगा जल लाने के लिए भगीरथ बताने वाले होर्डिंग से शहर पाट दिया है। प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण व शिलान्यास के लिए आगरा संसदीय क्षेत्र के ही अधिकांश प्रोजेक्ट को शामिल किया है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के गांव के विकास की घोषणा सीएम कर चुके हैं। अब वहां विकास कार्यों का शिलान्यास पीएम के हाथों कराने का अच्छा मौका था, इसके लिए प्रयास भी किए गए। लेकिन बटेश्वर को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया है। बताया जाता है कि पार्टी के एक गुट में अधिकारियों को लेकर असंतोष है। सांसद बाबूलाल का कई महत्वपूर्ण बैठकों से गायब रहना इसी का परिणाम माना जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की जनसभा के बाद एक दूसरे को मात देने के लिए भाजपा दिग्गज तलवारों को नए सिरे से धार देंगे।
सोशल मीडिया पर नया नारा
पार्टी की गुटबंदी सोशल मीडिया पर भी आने लगी है। एत्मादपुर के एक फेसबुक एकाउंट पर डॉ. रामशंकर कठेरिया के खिलाफ नारा पोस्ट किया गया है। इसके अलावा बीते दिवस योगेंद्र उपाध्याय का होर्डिंग भी फाड़ दिया गया, इसे भी सियासी गुटबंदी का परिणाम माना जा रहा है।
संगठन की हर गतिविधि पर नजर
पार्टी के विधायक व सांसदों के बीच मतभेद होने पर संगठन की पैनी नजर है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में इसका असर नहीं पड़े, इसके लिए सभी को कई बार एक साथ बैठाया जा चुका है। उन्हें मतभेद खत्म करने की हिदायत भी दे दी गई है।