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RKS Bhadoriya के पैतृक गांव कोरथ की माटी में है देशभक्ति का जुनून Agra News

नवनियुक्त एयर चीफ मार्शल राकेश भदौरिया के पिता और बाबा भी रहे सेना में। गांव के लोग बोले साथियों संग खेलते थे मिट्टी की होली।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 09:09 PM (IST)
RKS Bhadoriya के पैतृक गांव कोरथ की माटी में है देशभक्ति का जुनून Agra News
RKS Bhadoriya के पैतृक गांव कोरथ की माटी में है देशभक्ति का जुनून Agra News

आगरा, सत्येंद्र दुबे। बाह तहसील को यूं ही वीर भूमि नहीं कहा जाता। सरहद पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में यहां के वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह नहीं की। कोरथ गांव के राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने एयर चीफ मार्शल बनकर तो बुलंदी का आसमां छुआ ही है, उनके पिता और बाबा भी सेना में रह चुके हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी सेना में नौकरी कर रहे हैं।

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नवनियुक्त वायुसेना प्रमुख और बाह के कोरथ निवासी राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने हर मोर्चे पर बाह का नाम रोशन किया है। गांव के राजवीर सिंह रिश्ते में उनके बाबा लगते हैं। वे कहते हैं कि राकेश के बाबा सोबरन सिंह सेना में सूबेदार, पिता सूरजपाल वायुसेना में वारंट अफसर और चाचा संतोष सिंह भी वायुसेना में रहे हैं। चाचा अरविंद भी सेना में सूबेदार रहे हैं। एक अन्य चाचा देवदत्त रेलवे में रहे। बाबा से लेकर पौत्र तक सेना में हैं। राकेश की बेटी सोनाली फिलीपींस में और बेटा सौरभ निजी एयरलाइंस में पायलट हैं। भाई अरविंद के दो बेटे अवनीश व विपिन भी सेना में है।

झरबेरियां के बेर थे प्रिय

कोरथ गांव यमुना व चंबल के बीहड़ के बीच बसा हुआ है। बीहड़ में झरबेरिया के बेर बहुतायत संख्या में हैं। राकेश भदौरिया के हमजोली रहे सुल्तान सिंह ने बताया कि जब भी राकेश सिंह गांव आए और उस समय बेर का मौसम हुआ तो वह बीहड़ में झरबेरिया के बेर खाने जरूर गए। लेखपाल सिंह ने बताया कि गांव आने पर राकेश चूल्हे पर सिकी बाजरे की रोटी और सरसों का साग पसंद करते थे। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 17-18 साल से राकेश गांव नहीं आए। हम चाहते हैं कि वह गांव से अपना लगाव यूं ही बनाएं रखें।

नए वायु सेना प्रमुख को मॉय स्टांप किया भेंट

बाह तहसील के कोरथ गांव निवासी आरकेएस भदौरिया के नए वायु सेना प्रमुख बनाने पर डाक विभाग ने उनके फोटो का स्टांप जारी किया है। पोस्ट मास्टर जनरल आगरा परिक्षेत्र अंबेश उपमन्यु ने नए वायु सेना प्रमुख के फोटो का माय स्टांप उन्हें बधाई स्वरूप भेंट किया। उन्होंने बताया कि आगरा के लिए यह खुशी की बात है। इस खुशी को यादगार बनाकर डाक विभाग अपने आप को गौरवांवित महसूस कर रहा है।

गांव पहुंचकर मांगते थे पिलुआ

ग्रामीण लेखराज, उनके चाचा के बेटे संजीव कुमार बताते हैं कि राकेश गांव आकर बीहड़ में होने वाले पिलुआ फल की मांग करते थे। वे गिल्ली-डंडा भी खेलते थे। बुजुर्ग लेखराज बताते हैं कि उन्हें देखते ही राकेश झुककर आशीर्वाद लेना नहीं भूलता था। जिस भी घर में वो जाता, वहां खाना खाने में संकोच भी नहीं करता।

कभी नहीं किया शराब का सेवन

करीब 65 वर्षीय राजवीर बताते हैं कि राकेश अपने पिता के साथ होली के त्यौहार पर आता था तो अपने हमउम्र साथियों संग सुबह से शाम तक होली खेलता। उस समय गांव में कीचड़-मिट्टी की होली हुआ करती थी। राकेश भदौरिया के साले राकेश चौहान ने बताया कि वर्ष 1986 में बहन आशा का विवाह राकेश से हुआ था। लगातार उनके बाहर रहने के कारण उनके शौक के विषय में तो बहुत नहीं बता सकते। लेकिन, शराब का सेवन उन्होंने कभी नहीं किया, यह मेरी जानकारी में है। 


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