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आगरा की अस्थाई जेल में रात भर करवटें बदलता रहा गृह मंत्री अमित शाह का 'तथाकथित' भांजा

विधायक योंगेंद्र उपाध्‍याय से खुद को बताया था केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भांजा। नाई की मंडी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार करके सोमवार को भेजा था जेल। थाने में पुलिस को भी अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करता रहा था आरोपित।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 02:18 PM (IST)
आगरा की अस्थाई जेल में रात भर करवटें बदलता रहा गृह मंत्री अमित शाह का 'तथाकथित' भांजा
केंद्रीय मंत्री अमित शाह का भांजा बताने वाले युवक की अब जेल में रातें मुश्किल से कट रही हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। विधायक के साथ ठगी करने आए युवक को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। अस्थाई जेल की बैरक में आरोपित पूरी रात करवट बदलता रहा। उसे एंटीजन टेस्ट के बाद अस्थाई जेल में दाखिल किया गया। यहां पर करीब दो सप्ताह रखा जाएगा। इसके बाद मुख्य जेल में शिफ्ट किया जाएगा। उसे अस्थाई जेल की जिस बैरक में रखा गया है। उसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग विभिन्न आरोपों में रखे गए हैं।

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भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय  विराज शाह उर्फ यश कुमार उर्फ अमीन कई दिन से अमित शाह का भांजा बनकर फोन कर रहा था। वह रविवार को आगरा आया था। एमजी रोड के एक शोरूम से 40 हजार रुपये की खरीददारी करने के बाद विधायक के बेटे से भुगतान करने की कहा। इससे विराज पर शक हुआ, गूगल पर सर्च करने के बाद उसकी पोल खुल गई। विधायक ने विराज शाह को नाई की मंडी थाने की पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। विधायक ने उसके खिलाफ तहरीर दी थी।

एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि आधार कार्ड चेक किया तो उसमें विराज शाह पुत्र अश्विन भाई निवासी शाह बिल्डिंग मुंबई लिखा था। जबकि मोबाइल में आरोपित का पासपोर्ट की फाेटो मिली। इसमें उसका नाम यश कुमार पुत्र अश्विन कुमार निवासी गांधी नगर अहमदाबाद गुजरात लिखा हुआ था। पूछताछ में उसने खुद को सिविल इंजीनियर बताया। विराज शाह ने बताया कि शुरू में उसने कुछ जगह अपने को अमित शाह का भांजा बताया। इससे उसका काम बन गया। उसे लगा कि वह गृह मंत्री के नाम पर अधिकारियों और भाजपा नेताओं को ठग सकता है। इसीलिए वह भाजपा नेताओं से संपर्क करता था। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपित की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है।

थाने में पुलिस को भी अपने प्रभाव में लेने की कोशिश कर रहा था आरोपित

पुलिस विराज शाह उर्फ यश कुमार काे थाने लाकर कई घंटे पूछताछ करने की हिम्मत नही जुटा सकी थी। विराज ने पुलिस को अपने प्रभाव में लेने का प्रयास किया था। पुलिसकर्मियों से उसका कहना था कि एक फोन अाने की देर है, इसके बाद सभी को उसकी अहमियत पता चल जाएगी। वह अपनी पहचान छिपाने की वजह से कुछ नहीं बोल रहा था। विराज की बातों से पुलिस को भी लगा था कि कहीं वह सच तो नहीं बोल रहा है। विधायक ने पुलिस से पुष्टि की, खुद को अमित शाह का भांजा बताने वाला विराज पूरी तरह फर्जी है। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की थी।


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