असम के लोगों को भा रहा आगरा का आलू, पिछले एक महीने में दो हजार टन से अधिक भेजा चुका है
आगरा के आलू व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे किसान रेल संचालित कर रहा है। सामान्य तौर पर जोरहाट स्टेशन तक आलू भेजने का भाड़ा 15.35 लाख रुपये होता है। मगर उत्तर मध्य रेलवे किसान रेल के माध्यम से व्यापारियों को छूट प्रदान कर रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। असम के लोगों को आगरा का आलू काफी भा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में किसान रेल से दो हजार टन से अधिक आलू असम भेजा जा चुका है। असम के जोरहाट, गुवाहाटी, चांगसारी आदि स्टेशनों पर आगरा से आलू भेजा गया है।
बीते रविवार को किसान रेल के माध्यम से 308 टन आलू असम के जोरहाट स्टेशन पर भेजा गया। आगरा रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी एसके श्रीवास्तव के अनुसार, आगरा के आलू व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे किसान रेल संचालित कर रहा है। सामान्य तौर पर जोरहाट स्टेशन तक आलू भेजने का भाड़ा 15.35 लाख रुपये होता है। मगर, उत्तर मध्य रेलवे किसान रेल के माध्यम से व्यापारियों को 50 फीसद की छूट प्रदान कर रहा है। इसके फलस्वरूप लगभग 7.82 लाख रुपये में ही यह रेल जोरहाट तक जा रही है। उन्होंने बताया कि किसान रेल के माध्यम से असम में अब तक दो हजार टन आलू भेजा चुका है। इधर, आलू व्यापारियों का कहना है कि असम में आगरा के आलू की काफी मांग है। अब तक ट्रकों के माध्यम से वहां आलू भेजा जा रहा था। मगर, इसका भाड़ा काफी पड़ता था। साथ ही उतनी मात्रा में आलू नहीं भेज पा रहे थे। किसान रेल के माध्यम से कम भाड़े पर अधिक आलू भेज पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि रेलवे इसी तरह से आगरा के आलू को प्रोत्साहित करता रहे तो भविष्य में यहां के व्यापारियों के लिए अच्छे रास्ते खुल सकते हैं। देश के दूसरे क्षेत्रों में भी कम भाड़े पर आलू भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे रेलवे को भी काफी लाभ होगा। आगरा के आलू की महाराष्ट्र, बिहार आदि क्षेत्रों में काफी मांग है।