कई राज्यों में दवाओं की आपूर्ति करने वाले आगरा के माधव ड्रग हाउस का लाइसेंस निरस्त, 150 करोड़ का है टर्नओवर
गर्भपात किट हृदय रोग की दवाओं की बिक्री में गड़बड़ी और टिटनेस के इंजेक्शन को फ्रिज में न रखने पर कार्रवाई। फर्जी बिल्टी उपलब्ध कराने पर दर्ज कराया गया था मुकदमा। दिसंबर 2020 में माधव ड्रग हाउस पर गर्भपात किट की अवैध बिक्री करने पर छापा मारा गया था।
आगरा, जागरण संवाददाता। औषधि विभाग ने माधव ड्रग हाउस, गोगिया मार्केट फव्वारा का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। यह अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। माधव ड्रग हाउस का 150 करोड़ का टर्नओवर है। कई राज्यों में दवाओं की आपूर्ति है।
औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि दिसंबर, 2020 में माधव ड्रग हाउस पर गर्भपात किट की अवैध बिक्री करने पर छापा मारा गया था। संचालक नवीन अरोड़ा द्वारा उपलब्ध कराए गए रिकार्ड में सामने आया था कि जुवेंटिस हेल्थकेयर लिमिटेड कंपनी की 80 फीसद गर्भपात किट (गेस्टएप्रो कॉम्बी किट) माधव ड्रग हाउस द्वारा खरीदी गई थी। इन गर्भपात किट का हरियाणा और राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया। जुलाई में 17 दवाओं के सैंपल लिए गए, टिटनेस के इंजेक्शन फ्रिज में नहीं रखे थे। इन्हें जब्त कर लिया गया था। अगस्त में औषधि विभाग, दिल्ली की टीम ने हृदय रोगियों को दी जाने वाली टेल्मा एएम टैबलेट नकली मिलने पर छापा मारा था। 260 स्ट्रिप रिकार्ड में कम मिली थीं, इसके लिए फर्जी बिल्टी उपलब्ध कराने पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। गर्भपात किट, टेल्मा एएम टैबलेट की बिक्री में गड़बड़ी सहित फर्जी बिल्टी उपलब्ध कराने पर जनहित में माधव ड्रग हाउस का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। एक महीने में मेडिकल स्टोर और गोदाम में जितनी भी दवा हैं उन्हें कंपनी को वापस कर सकते हैं। इसके बाद दवाएं मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
टिटनेस इंजेक्शन मामले में औषधि निरीक्षक ने मांगी थी माफी
माधव ड्रग हाउस से औषधि विभाग की टीम ने फ्रिज में न रखने पर 14640 इंजेक्शन जब्त किए थे। कोर्ट में बैग खोले गए तो इंजेक्शन कम मिले। इस मामले में औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने कोर्ट में माफी मांगी थी। इस मामले में माधव ड्रग हाउस के संचालक नवीन अरोड़ा ने कोर्ट में परिवाद भी दायर किया है।