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World Heritage Week: वो भी एक दौर था जब खताईखाना का था वैभव, आज खो बैठा अपने अस्तित्‍व को

World Heritage Week विश्व धरोहर सप्ताह का गुरुवार से आगाज। फतेहपुर सीकरी में खताईखाना स्मारक के नाम पर बची है केवल दीवार। बची हुई दीवार पर भी कब्जा है और उस पर पेंट कर दिया गया है। अागरा सर्किल के दर्जन भर स्मारकों की जगह पर कब्जा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 12:46 PM (IST)
World Heritage Week: वो भी एक दौर था जब खताईखाना का था वैभव, आज खो बैठा अपने अस्तित्‍व को
दुर्दशा का शिकार फतेहपुरसीकरी का खताईखाना। फोटो: जागरण

आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा गुरुवार से विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जा रहा है। विश्व धरोहर सप्ताह मनाने वाला एएसआइ विश्व धरोहरों और अन्य स्मारकों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। विश्व धरोहर स्थल फतेहपुर सीकरी समेत राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों अौर उनकी जगह पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। फतेहपुर सीकरी में खताईखाना का ताे अस्तित्व ही मिट गया है।

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एएसआइ द्वारा 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाएगा। आगरा में तीन विश्व धरोहर ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी समेत कई स्मारक हैं। यह सभी अपने इर्द-गिर्द हो रहे अवैध निर्माणों से जूझ रहे हैं। फतेहपुर सीकरी में तो अवैध कब्जे हो चुके हैं। यहां लाल दरवाजा, खानकाह और खताईखाना की हजारों वर्ग मीटर जगह घेरी जा चुकी है। खताईखाना के नाम पर केवल दीवार बची है। स्मारक का अस्तित्व मिट चुका है। बची हुई दीवार पर भी कब्जा है और उस पर पेंट कर दिया गया है। खानकाह में आसपास के निवासी पशुपालन कर रहे हैं। मंगलवार को हाट लगने पर यहां जानवर बांध दिए जाते हैं, जिससे गंदगी होती है। जामा मस्जिद में बाहर की तरफ बनी दुकानों से लोकल इस्लामिया द्वारा किराया वसूला जाता है। दुकानदारों ने दुकानों में अपने हिसाब से निर्माण कराकर जामा मस्जिद को क्षति पहुंचाई है। एएसआइ ने जामा मस्जिद को संरक्षित रखने के लिए उसकी दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित बुर्जी के पास अवैध निर्माण कर बनाई गई दुकानों को हटाने के लिए पिछले वर्ष मई में पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस-प्रशासन का समुचित सहयोग नहीं मिलने से एएसआइ स्मारकों के पास अवैध निर्माण और कब्जे नहीं हटवा पा रहा है।

अधीक्षण पुरातत्विवद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि स्मारकों से अवैध कब्जा खाली कराने को समय-समय पर नोटिस जारी किए जाते हैं। कुछ मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, जबकि कुछ प्रशासन के यहां लंबित हैं।

यहां हो चुके हैं अवैध कब्जे

-फतेहपुर सीकरी में लाल दरवाजा के निकट 4840 वर्ग मीटर जगह

-फतेहपुर सीकरी में खानकाह की 2835 वर्ग मीटर जगह

-फतेहपुर सीकरी में खताईखाना की 884 वर्ग मीटर जगह

-जगनेर के किले की 5875 वर्ग मीटर जगह

-महाबत खान की बेटी के मकबरे पर 250 मीटर जगह

-जामा मस्जिद की दो हजार वर्ग मीटर जगह

-जाजऊ की सराय में मस्जिद व दो गेटवे

-एत्मादपुर में बुढ़िया का ताल

-एत्मादपुर में जामा मस्जिद

-मथुरा में कंकाली टीला

-मथुरा में कोटा माउंड 


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