Corona: वुहान में फंसे जलेसर के दंपती ने सकुशल वतन वापसी पर कहा Thank you! PM मोदी Agra News
गुरुवार सुबह सात बजे भारतीय वायुसेना का विशेष विमान चीन के वुहान में फंसे भारतीय दंपती को सकुशल वापस लेकर लौटा दिल्ली। अब दो-तीन दिन रहेंगे आइसोलेटेड वार्ड में। तब होगी जलेसर वापसी।
आगरा, जेएनएन। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन के वुहान शहर में फंसे भारतीय दंपती प्रोफेसर आशीष और पत्नी नेहा की सकुशल वतन वापसी हो गई है। गुरुवार तड़के उन्हें वायुसेना का विशेष विमान वापस लेकर राजधानी दिल्ली पहुंच गया है। यहां उन्हें दो-तीन दिन आइसोलेटेड परिसर में रखकर टेस्ट किए जाएंगे। यदि किसी तरह का संक्रमण नहीं निकलता है तो उन्हें घर भेज दिया जाएगा।
भारतीय वायुसेना के विशेष विमान गुरुवार प्रातः 7 बजे उन्हें दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर लेकर पहुंचा। तबीयत खराब होने के कारण एटा के जलेसर स्थित घर से मां और पिता में से कोई उनसे मिलने दिल्ली नहीं पहुंच पाया है। भारत आते ही दंपती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है। धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही वे चीन से इंडिया वापस आ सके हैं।
वुहान में कोरोना वायरस के कहर की कैद में फंसे जलेसर के यादव दंपती को आखिरकार रिहाई मिल ही गई। चीन सरकार की मंजूरी मिलने के बाद भारतीय दूतावास की मदद वहां फंसे भारतीयों तक पहुंची। चीन के वुहान में टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आशीष और उनकी पत्नी नेहा कोरोना वायरस के कारण वहां घर में कैद होकर रह गए थे। आशीष मूल निवासी जलेसर के हैं। उनके माता-पिता लगातार केंद्र सरकार से अपने बच्चों की वापसी की गुहार लगा रहे थे। पिछले दिनों सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल ने भी विदेश मंत्रालय जाकर दंपती को वापस लाने की बात की थी। तीन दिन से उम्मीद बन रही थी कि दंपती अब वापस आ जाएंगे, लेकिन चीन सरकार की अनुमति न मिलने के कारण भारतीय दूतावास का चीन में फंसे भारतीयों की मदद करना संभव नहीं हो पा रहा था। बुधवार को चीन सरकार की मंजूरी मिलने के बाद दोपहर 4:00 बजे (भारतीय समय के अनुसार 1:30 बजे) उन्हें भारतीय दूतावास से भेजे गए वाहन द्वारा घर से पिकअप किया गया था।
मंगलवार को मिला था संदेश
मंगलवार को भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने फंसे भारतीयों के वॉट्सऐप ग्रुप पर संदेश भेजा था, जिसमें बुधवार को विमान के भारत के लिए उड़ान भरने की उम्मीद जताई थी। संदेश में कहा गया था कि दूतावास के अधिकारी चीन सरकार के संपर्क में हैं और बुधवार को उन्हें विमान के उड़ान भरने की अनुमति मिल सकती है। इस संदेश के बाद एक माह से यूनिवर्सिटी कंपाउंड में बने अपने फ्लैट में कैद होकर रह गए यादव दंपती ने राहत की सांस ली। वे कोरोना के डर के घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। मंगलवार को डॉ. आशीष ने फोन पर बताया कि दूतावास के अधिकारियों ने कहा है कि लौटने की स्थिति स्पष्ट होते ही वो चार घंटे पहले सूचित करेंगे।
ये मिला था संदेश
हम अपनी उड़ान की मंजूरी के संबंध में चीन के अधिकारियों के संपर्क में हैं। कल शाम वुहान से उड़ान के प्रस्थान के लिए निकासी पर प्रगति हो सकती है। हालांकि, कृपया ध्यान दें कि हमारे पास अभी तक मंजूरी नहीं है। जैसे ही हमारे पास मंजूरी होगी हम आपको बताएंगे और निकासी के रसद के बारे में और निर्देश देंगे। हम आपको पिकअप के लिए वाहनों के आने से पहले तैयार होने के लिए कम से कम चार घंटे का नोटिस देंगे।