जाबांज पिता पृथ्वी की कैप पहनकर बच्चों ने किया आखिरी सैल्यूट, हो गई हर आंख नम
आगरा के लाल विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को अंतिम विदाई के दौरान उमड़ा था जनसैलाब। 12 वर्षीय बेटी और नौ वर्षीय बेटे ने अपने पिता विंग कमांडर को दी श्रद्धांजलि। सरन नगर का नाम परिवर्तित होकर अब होगा शहीद पृथ्वी सिंह चौहान रोड।
आगरा, जागरण संवाददाता। जांबाज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को उनके दोनों मासूम बच्चों ने अपने पिता को उसी देशभक्ति के जज्बे से आखिरी सलामी दी, जो उन्हें खून में मिली। बहादुर पिता के पार्थिव शरीर के सामने दोनों ने अपनी बहादुरी दिखाई। एक ने भी अपने आंसू नहीं छलकने दिए। दोनों ने मानो पिता की चिता को राख में मिलने तक दर्द को अपने दिल में ही दफन कर दिया हो। पहाड़ सी हिम्मत जुटाते हुए नौ वर्षीय बेटे अभिराज ने सैनिक पिता के पार्थिक शरीर को पहले सैल्यूट किया, फिर ताबूत पर सजे फूलों के बीच रखी उनकी कैप को उठाया और साफ कर अपने सिर पर सजाया। बहादुर पिता की बहादुर बेटिया भी कहां पीछे रहने वाली थी। उसने भी इसी कैप को अपने सिर पर रखा और पिता एक सैनिक की भांति अंतिम सलामी दी। जांबाज बच्चों ने अपने जांबाज पिता को जब इस अनूठे अंदाज में श्रद्धांजलि दी तो सभी भावुक हो गए। पूरा प्रांगण भारत माता के जयकारों से गूंज उठा।खेरिया हवाई अड्डे से विंग कमांडर का पार्थिव शरीर दोपहर लगभग 12 बजे न्यू आगरा, सरन नगर स्थित उनके आवास पर पहुंचा। यहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस बीच विंग कमांडर की पत्नी कामिनी अपने दोनों बच्चों के साथ उनके पार्थिव शरीर के पास ही खड़ी थीं। वह अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश तो बहुत कर रही थीं लेकिन कामयाब नहीं हो पा रही थीं। उनकी बहादुर बेटी खुद को संभालते हुए अपनी मां को लगातार दिलासा देती रही। जब विंग कमांडर के पार्थिक शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की तैयारी शुरू हुई, इसी बीच कामिनी ने अपने दोनों बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित करवाई। तभी बेटे अराध्य ने पिता को सैल्यूट किया और उनकी कैप उठाकर अपने सिर पर रख ली। इसके बाद बेटी ने भी पिता की इस कैप को आशीर्वाद के रूप में अपने सिर पर रखा। सभी के लिए यह भावुक पल थे। पिता की तरह से बेटी भी बनना चाहती है पायलट विंग कमांडर की बहादुर बेटी अराध्या पिता की तरह से ही एक बेहतरीन पायलट बनना चाहती है। पिता को मुखाग्नि देने के बाद अराध्या ने कहा कि मुझे आसमान बहुत अच्छा लगता है। मेरी इच्छा है कि मैं पायलट बन सकूं। वह सातवीं कक्षा की छात्रा है। ताजगंज मोक्षधाम पर पत्रकारों से बात करते हुए अराध्या ने कहा कि पायलट बनने के लिए वह अपने पापा से खूब बातें करती थी। बताया कि पापा मुझे खूब पढ़ाया करते थे। उनसे मैं गणित और विज्ञान पढ़ती थी। ये दोनों विषय वह बहुत बढ़िया पढ़ाते थे। रूधे हुए गले से उसने कहा कि जब भी किसी विषय में मेरे नंबर कम आते थे तो पापा कहते थे कि हमें फोकस रखकर पढ़ाई करनी चाहिए। कम नंबर आने पर घबराना नहीं चाहिए। मेहनत करो तो नंबर भी अच्छे आ ही जाएंगे। मेहनत से कभी जी नहीं चुराना चाहिए।
सरन नगर का नाम बदलकर शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान नगर
हेलीकॉप्टर हादसे में दिवगंत हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को श्रद्धांजलि देते हुए मेयर नवीन जैन ने दयालबाग आगरा स्थित उनके निवास स्थान का बदलकर पृथ्वी सिंह चौहान के नाम रखे जाने की घोषणा की है। महापौर नवीन जैन ने कहा कि जल्द ही नगर निगम बोर्ड में सरन नगर का नाम विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव लाया जाएगा और इसे पारित कराया जाएगा।