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Ram Mandir Ayodhya: श्रीराम के जन्‍म से पहले राजा दशरथ को यज्ञ कराने वाले ऋषि का ब्रज से है ये नाता

Ram Mandir Ayodhya आगरा के सींगना में है पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराने वाले श्रृंगी ऋषि का आश्रम। भगवान राम की बहन का विवाह श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 09:09 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 09:09 AM (IST)
Ram Mandir Ayodhya: श्रीराम के जन्‍म से पहले राजा दशरथ को यज्ञ कराने वाले ऋषि का ब्रज से है ये नाता
Ram Mandir Ayodhya: श्रीराम के जन्‍म से पहले राजा दशरथ को यज्ञ कराने वाले ऋषि का ब्रज से है ये नाता

आगरा, निर्लोष कुमार। मंगल बेला आ गई है। पांच सदियों से अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर के निर्माण की आस बुधवार को भूमि पूजन के साथ शुरू होने जा रही है। आगरा में भी उत्सव की तैयारी है। यहां उन श्रृंगी ऋषि का आश्रम और मंदिर है, जिनके द्वारा कराए गए पुत्र कामेष्टि यज्ञ के बाद ही भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। मान्यता है कि भगवान राम की बहन शांता का विवाह श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था।

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रुनकता का सींगना गांव श्रृंगी ऋषि के नाम पर ही है। सींगना से करीब चार किमी की दूरी पर यमुना की खादर में श्रृंगी ऋषि का अाश्रम है। यहां श्रीराम-सीता के मंदिर के साथ ही गोशाला है। यहां श्रृंगी ऋषि की दो मूर्तियां भी हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति के लिए श्रृंगी ऋषि ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराया था। उनके माथे पर सींग जैसा उभार होने की वजह से उनका नाम श्रृंगी पड़ा था। उनका विवाह अंगराज रोमपाद की दत्तक पुत्री शांता के साथ हुआ था। शांता राजा दशरथ की पुत्री थीं, जिन्हें राजा दशरथ ने अपने साढ़ू रोमपाद और कौशल्या की बहन वर्षनी को गोद दिया था। अाश्रम में राम मंदिर के निर्माण की खुशी छाई हुई है। बुधवार को यहां हवन किया जाएगा।

शांता भगवान श्रीराम की बहन और श्रृंग ऋषि उनके बहनोई थे। राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए गौरव का क्षण है। बुधवार को मंदिर में हवन किया जा रहा है।

-महंत निर्दय दास

सींगना श्रृंगी ऋषि के नाम पर ही है। यहां वर्ष 1978 में महाभारत और मौर्यकालीन साक्ष्य मिले थे। मौर्यकाल की ईंटें और भूरे रंग के मिट्टी के बने पात्र यहां मिले थे।

-इतिहासविद् राजकिशोर राजे

कीठम में शांता घाट

सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) में पिछले वर्ष जलाधिकार फाउंडेशन के प्रस्ताव पर वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा घाट का सुंदरीकरण कराकर उसे शांता घाट नाम दिया गया था। इस घाट पर मुगल दरबार के चित्रकार गोबर्धन द्वारा वाल्मीकि रामायण में उल्लिखित विवरण के आधार पर बनाई गई भगवान राम की बहन शांता व उस समय की पेंटिंग की प्रतिकृति बनवाई गई है। गोबर्धन अकबर, जहांगीर और शाहजहां के समय मुगल दरबार में रहा था।


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