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श्वेत वस्त्र में मुरली बजाते ठाकुर बांके बिहारी ने दिए दर्शन, दर्शन को उमड़ा सैलाब

शरद पूर्णिमा पर बुधवार को ठा. बांके बिहारी ने वंशी बजाते हुए महारास की मुद्रा में स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजित होकर दर्शन दिए तो भक्त निहाल हो उठे। मंदिर के पट खुलते ही भक्तों के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 03:10 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 03:10 PM (IST)
श्वेत वस्त्र में मुरली बजाते ठाकुर बांके बिहारी ने दिए दर्शन, दर्शन को उमड़ा सैलाब
विलक्षण दर्शनों की इच्छा लेकर आए भक्तों ने वृंदावन में डेरा डाल लिया है।

आगरा, जेएनएन। शरद पूर्णिमा पर बुधवार को ठा. बांके बिहारी ने वंशी बजाते हुए महारास की मुद्रा में स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजित होकर दर्शन दिए, तो भक्त निहाल हो उठे। मंदिर के पट खुलते ही भक्तों के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मोर-मुकुट, कटि-काछनी, मुरली बजाते श्वेतांबर में जब ठा. बांके बिहारी ने भक्तों को दर्शन दिए तो गद्गद् हुए भक्त आह्लादित हो उठे। आराध्य के दर्शन में बेसुध होते भक्तों को मंदिर से निकालना भी सुरक्षा गार्डों के लिए मुश्किल भरा काम था। भक्तों की भीड़ अनवरत रूप से मंदिर की ओर रुख कर रही थी, तो गार्डों को मंदिर में दर्शन की व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए श्रद्धालुओं से बाहर निकलने का आग्रह करना पड़ा।

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शरद पूर्णिमा के दिन वर्षभर में एक ही बार ठा. बांके बिहारी महारास की मुद्रा में वंशी बजाते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। ऐसे विलक्षण दर्शनों की इच्छा लेकर आए भक्तों ने वृंदावन में डेरा डाल लिया है। भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर की ओर कूच कर रही है। पंचकोसीय परिक्रमा में भी भक्तों की मानव श्रृंखला बनी है। सुबह यमुना स्नान और पूजन करने के साथ भक्तों ने परिक्रमा शुरू कर दी। दिनभर एक मंदिर से दूसरे मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के जयकाराें से तीर्थनगरी गूंज उठी। पंचकोसीय परिक्रमा से लेकर सप्तदेवालयों और नए व पुराने मंदिर भक्तों की भीड़ से गुलजार नजर आए।

मंदिर में वन-वे रास्ते से हुई भक्तों की एंट्री

ठा. बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए प्रबंधन ने मंदिर में वन-वे एंट्री व्यवस्था लागू कर दी। वीआइपी राेड, दाऊजी मंदिर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट संख्या 2 से प्रवेश मिला, तो विद्यापीठ, किशोरपुरा, पुलिस चौकी के रास्ते आने वाले श्रद्धालुओं को गेट संख्या तीन से मंदिर में प्रवेश मिला। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को गेट संख्या 1 व 4 से बाहर निकाला गया।

श्रद्धालुओं के वाहनों को नहीं मिली शहर में एंट्री

शरद पूर्णिमा पर बांके बिहारी के दर्शन को दिल्ली, एनसीआर व आसपास के जनपदों से निजी वाहनों से आए श्रद्धालुओं को शहर में एंट्री नहीं मिली। श्रद्धालुओं को शहर के बाहरी प्वाॅइंटों पर बनाई गई पार्किंग में अपने वाहन खड़े करने पड़े। इसके बाद ई-रिक्शा व आॅटो से गंतव्य की ओर रवाना हुए। ऐसे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पैदल ही मंदिरों का रुख कर दिया।


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