फोन पर झटका, लेकिन कुलदेयता में ब्याज छूट देगी व्यापारियों को बड़ी राहत Agra News
जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले। निर्णयों को व्यापारियों और प्रोफेशनल्स ने बताया लाभकारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। जीएसटी काउंसिल की बैठक शनिवार को संपन्न हो गई। इसमें वित्तीय वर्ष 18-19 का वार्षिक जीएसटी रिटर्न जीएसटीआर नाइन और नाइन सी जमा करने की अंतिम तिथि 20 जून तक बढ़ा दी है। नए रिटर्न को लागू करने की तिथि भी बढ़ गई है। मोबाइल फोन पर लगने वाले टैक्स में बढ़ोत्तरी की गई है, जबकि कुल देयता पर लगने वाले ब्याज पर राहत दी गई है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक पर प्रोफेशनल्स से लेकर व्यापारियों और कारोबारियों तक की नजरें थीं। सीए प्रार्थना जालान ने बताया कि बैठक में लिए गए फैसले में से ज्यादातर राहत देने वाले रहे। सबसे ज्यादा राहत कुल देयता पर लगने वाले ब्याज को घटाकर अब मूलधन पर लगाए जाने का निर्णय लिया गया है, जो जुलाई 2017 से लागू माना जाएगा। लेकिन मोबाइल पर जीएसटी 12 से 18 फीसद करने से फोन महंगा होगा। हालांकि डोमेस्टिक मेटेंनेंस, रिपेयर व ओवरहॉल सर्विस प्रोवाइडर को रिलीफ मिला है। इन्हें पांच फीसद जीएसटी व आइटीसी का लाभ मिलेगा। वार्षिक रिटर्न फाइल करने की तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।
सीए ब्रजेश वर्मा ने बताया कि जीएसटीआर वन, टूए और थ्रीबी सितंबर 2020 तक जारी रहेगा, नए रिटर्न भी उसके बाद आएंगे। ब्रांड पर लगने वाले टैक्स के प्रस्ताव को टाल दिया गया है। साथ ही रिटर्न भरने के लिए टर्नओवर लिमित दो से बढाकर पांच करोड़ कर दी गई है।
मिलेगी बड़ी राहत
युवा व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कामरा ने बताया कि हालांकि फोन मंहगा होने से लोगों पर असर पड़ेगा, लेकिन कुल देयता पर लगने वाले ब्याज को मूलधन पर लगाने से व्यापारियों और कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन अध्यक्ष गागन दास रामानी ने बताया कि बैठक में कई फैसले व्यापारियों, कारोबारियों के हित में रहेंगे। वार्षिक रिटर्न फाइल करने की तिथि बढऩे से व्यापारियों का दवाब कम होगा। नए रिटर्न की भी तिथि बढ़ाई गई है।