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Police Recruitment Exam: Unlock के बाद अब फरार Solver Gang के सदस्‍यों को Lock करने की तैयारी

Police Recruitment Exam सॉल्वर गैंग में फरार आरोपितों की तलाश तेज। पुलिस भर्ती में सॉल्वर गैंग से जुड़े 60 युवकों को भेजा था जेल। 30 से अधिक अभियुक्त अभी फरार एसआइटी कर रही जांच।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 05:08 PM (IST)
Police Recruitment Exam: Unlock के बाद अब फरार Solver Gang के सदस्‍यों को Lock करने की तैयारी
Police Recruitment Exam: Unlock के बाद अब फरार Solver Gang के सदस्‍यों को Lock करने की तैयारी

आगरा, जागरण संवाददाता। अनलॉक के बाद अब पुलिस पुराने लंबित मामलों पर फोकस कर रही है। पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़े गए सॉल्वर गैंग पर अब पुलिस फिर शिकंजा कसने जा रही है। मुकदमों की जांच कर रही एसआइटी ने फरार अभियुक्तों की तलाश तेज कर दी है। साथ ही चार्जशीट लगाने के लिए साक्ष्य संकलन भी लगभग पूरा कर लिया है।

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पुलिस लाइन में जनवरी 2019 से इस वर्ष फरवरी तक पुलिस भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा,प्रमाण पत्रों की जांच हुई थी। इसमें पुलिस ने 60 से ज्यादा सॉल्वर और सरगना गिरफ्तार किए थे। सदर, ताजगंज, छत्ता, शाहगंज, हरीपर्वत में 16 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों की विवेचना को एसएसपी ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी का अध्यक्ष एसपी सिटी को बनाया गया था। लॉकडाउन के कारण इन मुकदमों की विवेचना लंबित रह गईं। एक जून से अनलॉक के बाद एसआइटी ने इन मुकदमों की जांच में तेजी ला दी है। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमाेद ने पिछले दिनों विवेचकों की बैठक लेकर उनको मुकदमों में जल्द विवेचना पूरी करने और आराेपितों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि 14 मुकदमों में चार्जशीट लगनी है। इसमें 30 से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी शेष है। इनमें सॉल्वर के अलावा वह अभ्यर्थी भी शामिल हैं। जिन्होंने अपनी जगह किसी और को परीक्षा में बैठाया था। 

फोटो एप की मदद से चेहरों की करते थे मिक्सिंग

सॉल्‍वर गैंग के सदस्‍य फोटो एप की मदद से परीक्षक को चकमा देते थे। परीक्षार्थी और सॉल्वर की फोटो एप की मदद से मिक्सिंग कर देते। परीक्षक प्रवेश पत्र चेक करने पर सॉल्वर को आसानी से नहीं पहचान पाता।

कोचिंग से तलाशते थे शिकार और सॉल्वर

शिकार और सॉल्वर दोनों की तलाश कोचिंग सेंटर की जाती थी। गैंग के सदस्‍य अभ्यर्थियों के घरों पर जाकर संपर्क करते थे। छह से सात लाख रुपये में सौदा हो जाता। इसके बाद मेधावी छात्रों से संपर्क कर सॉल्वर बनने के लिए एक से दो लाख रुपये का लालच देते। एक बार परीक्षा देने के बाद सॉल्वर खुद उसे ऐसे अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी देकर मिलाते थे।


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