मड पैक से और निखर जाएगी ताजमहल की खूबसूरती
मुख्य गुंबद की ओर जाने वाले रास्ते पर दीवारों की सफाई शुरू, एएसआइ की रसायन शाखा ने शुरू कराया है कार्य, दो माह तक चलेगा
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल की बाहरी दीवारों को चमकाने के लिए मड पैक थैरेपी शुरू कर दी गई है। मुख्य मकबरे पर चढ़ते समय लोगों के हाथ लगने से गंदी हो चुकी दीवारों को इससे साफ किया जाएगा। यह कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा दो माह में पूरा करेगी।
ताजमहल के मुख्य गुंबद पर चढ़ते समय पर्यटक दीवारों से हाथ लगाकर चलते हैं। चिकनाई और पसीने से ताज की दीवारों पर पीलापन आ गया है। कुछ स्थानों पर पीक के भी निशान हैं। इन्हें दूर करने के लिए ही यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। वर्ष 2015 से अब तक चार बार ताजमहल की मड पैक से सफाई हो चुकी है। 2015 में भी एएसआइ की रसायन शाखा ने ताजमहल पर लगे काले और हरे रंग के दागों को हटाने के लिए मड पैक से सफाई की थी। यमुना की तलहटी से उड़ने वाले विशेष प्रकार के कीट गोल्डी काइरोनोमस के कारण ताज पर बार-बार धब्बे पड़ जाते हैं।
ताजमहल के मुख्य गुंबद की सफाई अभी बाकी है। उसे साफ करने के लिए स्केफोल्डिंग लगाई जानी है। इसके भार को सहन करने के लिए आइआइटी रुड़की की टीम सर्वे कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद मुख्य गुंबद की सफाई शुरू कर दी जाएगी।
ताजमहल के मुख्य गुंबद तक जाने वाले रास्ते की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। मड पैक ट्रीटमेंट से इसकी सफाई की जा रही है। दो माह में काम पूरा कर लिया जाएगा।
एमके भटनागर, रसायन शाखा, एएसआइ