दो वर्ष पीछे चल रहा ताजगंज श्मशान घाट पर काम, नहीं हुआ पूरा
मार्च 2017 तक एडीए को खत्म करना था काम विद्युत शवदाह गृह और मोक्षधाम पर अधूरे काम
आगरा, जागरण संवाददाता। विभाग की उदासीनता कहें या फिर सरकारी कार्यप्रणाली! ताजगंज मोक्षधाम और विद्युत शवदाह गृह पर जो काम दो वर्ष पूर्व हो जाने चाहिए थे, वे अब तक नहीं हो सके हैं। जबकि, इसके लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पूरा प्लान दाखिल किया गया था।
ताजगंज मोक्षधाम और विद्युत शवदाह गृह के लिए आगरा विकास प्राधिकरण ने अक्टूबर-नवंबर, 2015 में योजना तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में जमा की थी। टेंडर और नियमावली के अनुसार यहां काम करने की डेडलाइन मार्च, 2017 तय की गई थी। काम तो समय पर शुरू हो गया, लेकिन उसकी समय सीमा पर संबंधित विभाग और अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। विद्युत शवदाह गृह में भट्टियां लगाने का काम तो हो गया है, लेकिन फॉल सीलिंग का काम अधूरा है। बैठने को बेंच व शेड अब तक नहीं लगे हैं। गंगाजल से पार्थिव देह के स्नान को भगवान शिव की मूर्ति भी नहीं लगाई गई है। यहां दो वर्ष विलंब के बावजूद 15 फीसद काम अब तक नहीं हो सका है। मोक्षधाम पर एक बड़े हिस्से में खोदाई कर दी गई है। इससे चिता जलने वाले स्थल तक जाने वाले दो रास्ते बंद पड़े हैं। तीसरे रास्ते पर सड़क की स्थिति खराब है, जिससे वहां अंतिम संस्कार को ट्रॉलियों से लकड़ी भी नहीं ले जा सकते हैं। एक ही चिमनी लग सकी
एडीए को ग्रीन क्रिमेशन सिस्टम के लिए मोक्षधाम पर दो चिमनियां लगानी थीं, लेकिन एक ही चिमनी लग सकी है। प्रयोगात्मक स्तर पर लगाई गई इस चिमनी का परीक्षण भी पूरी तरह से नहीं हो सका है।
विद्युत शवदाह गृह के 15 फीसद काम अभी भी शेष हैं। मोक्षधाम पर एक बडे़ क्षेत्र में खोदाई कर दी गई है। सड़क की स्थिति भी अत्यंत खराब है। इससे अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लकड़ी तक ले जाने में परेशानी उठानी पड़ती है।
-सुनील विकल, अध्यक्ष क्षेत्र बजाजा कमेटी