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Taj Mahal will remain closed: आ गई ये नौबत, कुक चला रहे ई-रिक्शा और गाइड कर रहे दूध सप्लाई

Taj Mahal will remain closed 113 दिन से स्मारक बंद होने से पर्यटन से जुड़े लोगों की टूट चुकी है कमर। आगरा में स्मारक बंद होने के चलते अभी नजर नहीं आ रही है कोई उम्मीद।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 01:48 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 09:37 AM (IST)
Taj Mahal will remain closed: आ गई ये नौबत, कुक चला रहे ई-रिक्शा और गाइड कर रहे दूध सप्लाई
Taj Mahal will remain closed: आ गई ये नौबत, कुक चला रहे ई-रिक्शा और गाइड कर रहे दूध सप्लाई

आगरा, निर्लोष कुमार। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 113 दिन की हो चुकी स्मारकों की बंदी ने आगरा में पर्यटन ट्रेड से जुड़े लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। आजीविका छिनने से उनके सामने स्वयं और परिवार का पेट भरने की समस्या खड़ी हो गई है। परेशान होकर वो ऐसे काम करने को मजबूर हैं, जिनके बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। लोगों को अपने हाथों के जादू से उंगलियां चाटने को मजबूर कर देने वाले कुक ई-रिक्शा चला रहे हैं तो संस्कृति के दूत बनकर देसी-विदेशी मेहमानों को ताज का भ्रमण कराने वाले गाइड दूध सप्लाई कर रहे हैं। फोटोग्राफर मार्केटिंग एजेंट बन गए हैं तो सेल्समैन सिलाई कर रहे हैं। देश के अन्य हिस्सों में जहां स्मारक खुल गए हैं, वहीं आगरा में जिला प्रशासन ने स्मारकों को खोलने को अनुमति ही प्रदान नहीं की है। कोविड-19 संक्रमितों के प्रतिदिन नए केस आने से स्मारकों का फिलहाल खुलना भी संभव नजर नहीं आ रहा है। इसके चलते पर्यटन ट्रेड से जुड़े लोगों का संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।

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आगरा में पर्यटन की स्थिति

-आगरा में तीन विश्वदाय स्मारक ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी समेत स्मारकों की लंबी श्रृंखला है।

-पर्यटन व हैंडीक्राफ्ट कारोबार से पांच लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।

-शहर में छोटे-बड़े 500 होटल, 150 रेस्टोरेंट, 100 से अधिक गेस्ट हाउस हैं।

-छोटे-बड़े मिलाकर 500 के करीब हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम हैं।

-कोविड-19 के संक्रमण के चलते पर्यटन कारोबार 100 फीसद प्रभावित हुआ है।

-आगरा में 17 मार्च से स्मारकों पर ताला लगा हुआ है।

-अधिकांश होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट बंद हैं। स्मारकों के आसपास की सभी दुकानें बंद हैं।

पवन को करनी पड़ रही दूध की सप्लाई

ताजगंज के धांधूपुरा निवासी पवन कुमार बघेल ताजमहल पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भ्रमण कराने का काम करते हैं। 17 मार्च से स्मारक बंद हैं और वो कब खुलेंगे इस पर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। परेशान पवन घर-घर दूध सप्लाई का काम कर रहे हैं, जिससे कि रोजी-रोटी का बंदोबस्त हो सके।

कुक फरमान चला रहे किराये का ई-रिक्शा

रेशम कटरा निवासी फरमान ताजगंज स्थित रेस्टोरेंट में कुक थे। स्मारक बंद होने के साथ पर्यटकों का यहां आना थमा तो राेजी-रोटी छिन गई। कहीं कोई काम नहीं मिलने पर अब ई-रिक्शा चलाकर दो वक्त की रोटी कमाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें भी दिक्कत आ रही है क्योंकि सवारियां नहीं मिलने से किराया भी नहीं मिलता।

फोटोग्राफर रोहित को बनना पड़ा मार्केटिंग एजेंट

शहीद नगर निवासी रोहित अराेड़ा ताजमहल के लाइसेंसी फोटोग्राफर हैं। 2019 से उन्होंने फोटोग्राफी का काम शुरू किया था। किराये के मकान में रहने वाले स्मारक बंद होने से परेशान हो उठे। अब वो मार्केटिंग एजेंट बन परिवार के साथ किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं। भविष्य में भी इसी फील्ड में आगे बढ़ना चाहते हैं।

नौकरी गई तो सुमित ने सीखी सिलाई

धांधूपुरा निवासी सुमित शर्मा 17 मार्च से पूर्व ताज पूर्वी गेट रोड स्थित एक पेठे की दुकान पर सेल्समैन का काम करते थे। स्मारक बंद हुए तो काम छिन गया। अब सुमित सिलाई सीखकर ट्रैक सूट सिलने का काम कर रहे हैं। सुमित कहते हैं कि स्मारक कब खुलेंगे पता नहीं, तब तक पेट की आग बुझाने को कुछ ताे काम करना ही पड़ेगा।

घर पर बैठे हैं सेल्समैन अमित

फतेहाबाद रोड के गुलमोहर एन्क्लेव निवासी अमित खन्ना हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम में सेल्समैन हैं। 17 मार्च से स्मारकों के साथ एंपोरियम बंद होने से घर पर बैठे हुए हैं। अमित कहते हैं कि 18 वर्षों से इस ट्रेड में हैं, कुछ और कर भी नहीं सकते। स्मारक शीघ्र खुलने चाहिए। स्मारक खुलने के दो-तीन माह बाद पर्यटक आना शुरू हो पाएंगे। 


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