ताज प्रकरण: कांच इकाइयों पर मेहरबान टीटीजेड
एमसी मेहता व नेशनल चैंबर ने दाखिल की थी याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने किए अधिकारी तलब।
आगरा(जागरण संवाददाता): टीटीजेड में यथा स्थिति के आदेश के बावजूद फीरोजाबाद की पांच कांच इकाइयों पर टीटीजेड अथॉरिटी ने कृपा बरसाई। चार के क्षमता विस्तार के आवेदन स्वीकार कर लिए, जबकि एक को निर्माण की अनुमति दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कमिश्नर के. राम मोहन राव को 26 जुलाई को तलब किया है।
एमसी मेहता की याचिका संख्या 69657 व नेशनल चैंबर की याचिका संख्या 67652 पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इनमें टीटीजेड अथॉरिटी द्वारा फीरोजाबाद की पांच कांचइकाइयों के विस्तार के आवेदन स्वीकार करने व इनमें से एक को निर्माण की अनुमति देने का मामला उठाया गया था। निर्माण की अनुमति पाने वाली इकाई दो दशक से भी पहले बंद हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अपने 22 मार्च, 2018 के यथा स्थिति के आदेश की अवहेलना माना है। इसके लिए टीटीजेड अथॉरिटी को नोटिस जारी किया गया है। टीटीजेड अथॉरिटी के चेयरमैन व कमिश्नर के. राम मोहन राव को 30 जून की स्थिति के आधार पर आवेदन करने वाली इकाइयों की सूची उपलब्ध कराने का आदेश किया गया है।
स्थायी कमेटी ने यह की थी सिफारिश:
प्रदूषण के ताज पर प्रभाव से संबंधित संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट राज्यसभा में 21 जुलाई, 2015 और राज्यसभा में 22 जुलाई, 2015 को प्रस्तुत की गई थी। समिति ने ताज को देश के राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया था।इसके रखरखाव व सौंदर्य को बरकरार रखने के लिए बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता बताई थी। रिपोर्ट में सभी संबंधित केंद्रीय व राज्य सरकार के विभागों, लोगों को साथ लेकर आपसी समन्वय से काम करने पर जोर दिया गया था, जिससे टीटीजेड में प्रदूषण कम हो सके और ताज का सौंदर्य केवल वर्तमान के लिए ही नहीं बल्कि वर्षो, दशकों और शताब्दियों तक सुरक्षित रहे।
डीएम भी किए गए तलब:
सुप्रीम कोर्ट ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई के लिए डीएम को भी 26 जुलाई को तलब किया है।