दावों पर न जाएं, असर बढ़ने के साथ अब CoronaVirus के हर दिन बदल रहे लक्षण
क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट और सीनियर फिजिशियन डॉ अरविंद जैन के अनुसार देश में कोरोना वायरस का खतरा साइलेंट करियर की वजह से अधिक बढ़ा है।
आगरा, तनु गुप्ता। देश में जितनी तेजी से कोरोना वायरस अपने पैर पसारता जा रहा है उतनी ही तेजी से इसके रंग भी बदलते जा रहे हैं। हर दिन मामले दोगुने हो रहे हैं। देश के 17 राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। मौत का आंकड़ा 200 पार कर चुका है। वहीं संक्रमितों की संख्या 6,640 हो चुकी है। संक्रमण के इस खतरे को और ज्यादा बढ़ा रहे हैं इसके बदलते लक्षण। जी हां, कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके कुछ लक्षण बताए थे जिनमें तेज बुखार, सूखी खांसी और गले में दर्द जैसे लक्षण शामिल थे, लेकिन जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ये लक्षण गलत साबित होते जा रहे हैं। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें कोई लक्षण ही दिखाई नहीं दिए हैं। इस दरम्यान कई बातें हैं जो पहले जिन्हें पहले अधिक घातक नहीं माना जा रहा था वो अब खतरनाक साबित हो रही हैं। क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट और वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अरविंद जैन के अनुसार देश में कोरोना वायरस का खतरा साइलेंट करियर की वजह से अधिक बढ़ा है। इन्हीं की वजह से कोरोना वायरस के लक्षणों में भी बदलाव देखने को मिला है। साइलेंट करियर वो लोग होते हैं जो कोरोना वायरस के गुप्त वाहक बन जाते हैं। यानि कुछ लोगों को संक्रमण अपनी चपेट में तो ले लेता है लेकिन उसका असर उनपर नहीं दिखाई देता। ऐसा उनकी इम्युनिटी पावर अच्छा होने के कारण होता है। जबकि ऐसे लोगों के संपर्क मे कोई कमजोर इम्युनिटी वाला व्यक्ति आता है तो वो बहुत जल्द संक्रमित होकर बीमार पड़ जाता है। डॉ अरविंद जैन लगातार कोरोना वायरस पर हो रहीं स्टडी का अध्ययन कर रहे हैं।
कोरोना के बदलते रंग
कोरोना से बचने के लिए एक मीटर की दूरी है जरूरी
दावा था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए एक मीटर की दूरी जरूरी है। कई दुकानों पर एक-एक मीटर की दूरी पर गोल घेरे बनाए गए, लेकिन बाद में एक रिसर्च में दावा किया गया कि आठ मीटर की दूरी से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। भारत सरकार की आरोग्य सेतू एप में बताया गया है कि लोगों से छह मीटर की दूरी रखें। तो देखा जाए तो एक मीटर की दूरी वाला दावा भी गलत साबित हो रहा है।
बढ़ती गर्मी करेगी कोरोना का नाश
शुरुआत में कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं जिनमें दावा किया गया कि कोरोना गर्मी में कम फैलता है। मौसम गर्म होते ही इसका प्रकोप तेजी से खत्म होगा। यह भी कहा गया कि भारत में कोरोना का संक्रमण अधिक नहीं होगा, क्योंकि मार्च-अप्रैल में भारत में ठीक-ठाक गर्मी पड़ने लगती है। यह भी दावा था कि करीब 30 डिग्री तापमान पर कोरोना खत्म हो जाता है लेकिन ये सभी दावे धीरे-धीरे गलत साबित हो रहे हैं। महाराष्ट्र में दिल्ली के मुकाबले गर्मी अधिक ही पड़ती है लेकिन सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से ही सामने आ रहे हैं।
न खांसी, न बुखार फिर भी कोरोना का शिकार
संक्रमण की शुरुआत में यही बताया गया है कि सूखी खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत और गले में दर्द है तो आपको कोरोना हो सकता है, लेकिन कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें कोई लक्षण दिखाए ही नहीं दिए हैं। हाल ही में चीन में 47 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं थे। इनमें से 14 विदेश से आए लोग हैं। इससे पहले भी चीन में 1,541 ऐसे मामले सामने आए थे जिनमें कोई लक्षण नहीं थे। ऐसे मामलों में बड़ा खतरा है यह कि संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के बारे में जानकारी हीं नहीं होती और जब तक पता चलता है तब तक कई लोगों में संक्रमण फैल चुका होता है।
अपनाएं ये उपाए
डॉ अरविंद जैन के अनुसार अब लोगों अपने स्तर पर बचाव के जितने इंतजाम कर सकते हैं, वो कीजिए। सप्लाई वाला पानी इस्तेमाल करते हैं तो संभव हो सके तो उसे खौलाकर ठंडा करें उसके बाद ही पीने के लिए इस्तेमाल करें। किसी से मिलने की कोशिश ना करें। दोस्त और अपार्टमेंट के लोगों से भी दूरी बनाकर रहें। कुछ भी खाने-पीने से पहले हाथ को साबुन से अच्छे तरीके से धोएं। लिफ्ट का प्रयोग ना ही करें तो बेहतर है लेकिन करना पड़ रहा तो लिफ्ट को बटन को ना छूएं। घर आने के बाद खुद को सेेनेेटाइज करें। संभव हो तो पानी में डिटॉल मिलाकर स्नान कर लें।