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आगरा में यहां नालियों की सफाई से डरते हैं सफाईकर्मी, जानिए आखिर ऐसा क्यों

रामबाग क्षेत्र में सबसे अधिक हैं इलेक्ट्रो प्लेटिंग इकाइयां। नाली में तेजाब बहने से सफाई कर्मचारियों को आती है दिक्कत। रामबाग क्षेत्र में नालियाें की सफाई करने पर तेजाब की अधिकता से जल चुकी हैं सफाई कर्मचारियों की अंगुलियां।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 04:41 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 04:41 PM (IST)
आगरा में यहां नालियों की सफाई से डरते हैं सफाईकर्मी, जानिए आखिर ऐसा क्यों
रामबाग क्षेत्र में नालियों की सफाई करने से डरते हैं सफाईकर्मी।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में एक ऐसा भी क्षेत्र है जहां सफाई कर्मचारियों को नालियों की सफाई से डर लगता है। कई सफाई कर्मचारी तबादला तक करा चुके हैं। कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी अंगुलियां तक जल गई हैं। चौंकिए नहीं जनाब, यह बात सौ फीसद सच है। यह क्षेत्र रामबाग है। दरअसल, रामबाग क्षेत्र में सबसे अधिक इलेक्ट्रो प्लेटिंग इकाइयां हैं। इनकी संख्या दस से 16 है। इन इकाइयों में हर दिन बैटरी की सफाई होती है। सफाई के बाद गंदा पानी सीधे नालियों में बहा दिया जाता है। पानी में तेजाब की मात्रा अधिक होने के कारण सफाई कर्मचारियों के हाथों में जलन होने लगती है। इसके चलते कर्मचारी ठीक तरीके से नालियों की सफाई नहीं कर पाते हैं। यहां तक कि कूड़े के उठान में भी दिक्कत आती है।

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जल गईं अंगुलियां

सफाई कर्मचारी रामदास ने बताया कि आठ साल पूर्व उनकी तैनाती रामबाग क्षेत्र में थी। एक माह में वह परेशान हो गए। नाली की सफाई करने पर अंगुलियां जल गईं। एसएन मेडिकल कालेज में इलाज कराना पड़ा तब जाकर राहत मिली।

मशीनों से सफाई की मांग

सफाई कर्मचारी सजल ने बताया कि इलेक्ट्रो प्लेटिंग इकाइयों के चलते नालियों की सफाई मशीनों से करने की मांग की जा चुकी है। खासकर कूड़ा उठान में सबसे अधिक दिक्कत आती है।

मजबूरी में नौकरी

सफाई कर्मचारी रोहित ने बताया कि वो रामबाग क्षेत्र में दो साल तक तैनात रहे। दस साल पूर्व तैनाती के दौरान उन्हें त्वचा रोग हो गया। जिला अस्पताल में इलाज कराना पड़ा। मजबूरी में नौकरी करनी पड़ी। तत्कालीन मेयर से तबादले के लिए अनुरोध किया।

बंद करने के हो चुके हैं आदेश

प्रशासनिक बैठकों में इलेक्ट्रो प्लेटिंग इकाइयों को बंद करने की बात उठ चुकी है। एक साल पूर्व दो इकाइयों को बंद भी कराया जा चुका है।

माह में तीन से पांच शिकायतें

कलक्ट्रेट और नगर निगम में माह में तीन से पांच शिकायतें पहुंचती हैं। इनकी शिकायतों को जांच के लिए भेज दिया जाता है।


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