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Surrogacy Gang: किराए की कोख के सौदागरों ने कमाई के चक्‍कर में नवजातों पर खेला दांव

Surrogacy Gangबायोलॉजीकल पेरेंट्स का किया जाएगा इंतजार। न आने पर कारा के माध्यम से होगी गोद देने की प्रक्रिया।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 09:34 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:55 AM (IST)
Surrogacy Gang: किराए की कोख के सौदागरों ने कमाई के चक्‍कर में नवजातों पर खेला दांव
Surrogacy Gang: किराए की कोख के सौदागरों ने कमाई के चक्‍कर में नवजातों पर खेला दांव

आगरा, यशपाल चौहान। मां मैं बेकसूर हूं। नौ माह तक आपकी कोख में रही। जन्म लेते ही क्यों अनाथ हो गई। क्यों आपकी ममता मुझ पर नहीं बरसी। मैं नहीं जानती कि आपने अपनी कोख किराए पर दी थी। न मैं ये जानती कि मुझे किसकी गोद में किलकारी भरनी थी। बस इसी उम्मीद में मैं यहां हूं कि एक दिन मेरी मां आएगी। यहां से मुझे ले जाएगी।

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फतेहाबाद क्षेत्र से कोख के सौदागरों के गैंग से जुड़ी महिलाओं से बरामद हुई तीन बच्चियां महज एक माह की हैं। इन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के निर्णय के बाद जगनेर रोड स्थित बाल गृह में रखा गया है। जिन महिलाओं से ये बरामद हुई थीं, उनमें से कोई इनकी मां नहीं है। इनको जन्म देने वाली मां का अब तक पता नहीं है। किसकी सूनी गोद इनको भरनी थी, यह भी अभी तक पता नहीं चला है। इसलिए सुंदर गुडि़या सी इन बच्चियाें की किलकारी अब बाल गृह में गूंज रही है। यहां की अधीक्षिका उर्मिला गुप्ता ने बताया कि बच्चियां पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। उनकी यहां अच्छी तरह देखरेख की जा रही है। दो माह तक इनके पेरेंट्स की तलाश की जाएगी। अगर किसी ने आकर उनके लिए दावा किया तो डीएनए परीक्षण के बाद बच्चियां उसको सौंपी जाएगी। अगर कोई नहीं आया तो चाइल्ड वेलफेयर कमेटी इनको एडॉप्शन के लिए फ्री करने का निर्णय लेगी। इसके बाद कारा यानि सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी को इनकी रिपोर्ट दी जाएगी। कारा द्वारा अपनी वेब साइट पर इनकी पूरी जानकारी अपलोड की जाएगी। इसके बाद कोई भी नि:संतान दंपति कारा के माध्यम से इनको गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल हो सकता है। कारा अपने मानकों के हिसाब से इनको योग्य दंपति को गोद देने का निर्णय लेगी।

एक बच्चे पर दो लाख रुपये कमाते थे कोख के सौदागर

हरियाणा में सेरोगेसी के बाद नेपाल में बच्चों का सौदा करने वाले कोख के सौदागरों का संगठित गिरोह है। इसमें सब कुछ पहले से ही तय हो जाता था। सेरोगेट मदर को भुगतान करने के बाद इन सौदागरों को एक बच्चे पर दो लाख रुपये की बचत होती थी। पुलिस की अभी तक की जांच में यह सामने आया है। अब नेपाल में बैठी गैंग की सरगना अस्मिता के खिलाफ पुलिस और सुबूत जुटा रही है। इसके लिए जल्द ही फरीदाबाद के आइवीएफ सेंटर में रिकार्ड खंगालने जाएगी। फतेहाबाद क्षेत्र से पुलिस 19 जून को फरीदाबाद के सेक्टर 31 में रहने वाली नीलम, रूबी और प्रदीप के अलावा दिल्ली के अमित और राहुल को गिरफ्तार किया था। इनसे बरामद हुईं एक माह की तीन बच्चियों को बाल गृह में रखा गया है। पूछताछ में नीलम न बताया था कि वह इन बच्चियों को सेरोगेसी से पैदा कराने के बाद नेपाल में अस्मिता के पास ले जा रही थी। अस्मिता नेपाल में अस्पताल संचालित करती है और वही इनका सौदा करती है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि नीलम स्थानीय स्तर पर पूरा गैंग संचालित करती थी। 30 वर्ष तक की ऐसी महिलाओं को वह चुनती थी, जिनके दो से तीन बच्चे हो चुके होते थे। पति से अलग रहने वाली ऐसी महिलाएं जिनकी आर्थिक स्थित अच्छी नहीं होती थी, उन्हें गैंग से जोड़ा जाता था। पुलिस के मुताबिक, एक बच्चे को यह गैंग आठ लाख रुपये में नेपाल में बेचता था। इस पर खर्च छह लाख रुपये का आता था।

ढाई से तीन लाख रुपये आइवीएफ सेंटर में सेराेगेसी के प्रोसेस के लिए दिए जाते थे। साढ़े तीन लाख रुपये किराए की कोख देने वाली महिला को दिए जाते। नौ माह में खर्च के लिए दिए जाने वाले 90 हजार रुपये भी इसमें शामिल रहते थे। इस तरह एक बच्चे पर उन्हें दो लाख रुपये की बचत हो जाती थी। पुलिस को अब नीलम से फरीदाबाद के आइवीएफ सेंटरों के नाम पता चले हैं, जिनमें सेरोगेसी का प्राेसेस होता था। पुलिस को यह भी आशंका है कि आइवीएफ सेंटरों के एजेंटों ने फर्जी कागजात तैयार कराके वहां सेरोगेसी कराई होगी। नीलम के बयानों के अलावा अब पुलिस अस्मिता के बारे में और सुबूत जुटा रही है। सीओ फतेहाबाद विकास जायसवाल ने बताया कि जल्द ही एक टीम फरीदाबाद जाएगी। इसके बाद टीम को नेपाल भेजा जाएगा।

बच्चियों के मां-बाप और दो नवजात लड़कों का नहीं लगा पता

फरीदाबाद में इस गैंग ने सेरोगेट मदर से पांच बच्चों को पैदा कराया था। इनमें तीन लड़कियां और दो लड़के थे। एक लड़का गिरफ्तार हुई महिला रूबी का था। जबकि विमल देवी के एक बेटा और एक बेटी हुई थी। दो बच्चियां किसी अन्य महिला से हुई थीं। फतेहाबाद क्षेत्र में गैंग से तीन एक माह की लड़कियां बरामद हुईं। पुलिस की अभी तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हआ है कि इन तीन बच्चियों को जन्म देने वाली सेरोगेट मदर कौन थीं और फरीदाबाद में पैदा हुए दो बच्चे कहां गए? नीलम ने भी पूछताछ में इसकी जानकारी नहीं दी है। 


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