पॉलीथिन ना के साथ उदय हुआ शनिवार का सूरज
योद्धा चौक से होलीगेट तक बनी मानव श्रृंखला, हजारों लोग हुए शामिल। पौध लगाएं, वृक्ष बचाएं का इस दौरान लिया गया संकल्प।
आगरा(जागरण संवाददाता): ब्रज में शनिवार के सूर्य का उदय पॉलीथिन को सदा-सदा के लिए ना कहने के साथ उदय हुआ। मथुरा के योद्धा चौक से लेकर शहर के हृदय स्थल होलीगेट तक बनी मानव श्रृंखला ने प्रदूषण से मुक्त हरे-भरे एक नए ब्रज की रचना करने का संकल्प लिया। हजारों नौजवानों ने यही संदेश दिया कि यही वक्त का तकाजा है कि हम सब मिलकर जमीं से लेकर अंबर तक पर्यावरण को जहरीला करके जीव जगत के लिए खतरे का सबसे बड़ा कारण बनी पॉलीथिन के इस्तेमाल को आज से अभी से बंद कर दें। इस दौरान सभी ने पौध लगाने और वृक्ष बचाने का संकल्प लिया।
दैनिक जागरण और नगर निगम की इस संयुक्त मुहिम को प्रभावी बनाने की शुरूआत ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकात मिश्र, महापौर डॉ. मुकेश आर्यबंधु और नगर आयुक्त समीर वर्मा ने योद्धा चौक पर मा सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की। उनका साथ खजानी वूमेंस की निदेशक शिप्रा राठी समेत अन्य गणमान्य नागरिकों ने दिया। योद्धा चौक से पॉलीथिन के प्रयोग किए जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने और पौध लगाएं, वृक्ष बचाओ दैनिक जागरण के सरोकार में छात्र-छात्रा और खिलाड़ियों ने अपना बढ़चढ़ कर योगदान दिया। सभी का एक ही मकसद और लक्ष्य था कि कान्हा की नगरी को हर हाल में प्रदूषण से मुक्त करके हरा भरा बनाना है। आज जहा जगह-जगह पॉलीथिन बिखरी नजर आ रही है, वहा पर हरे-भरे पौधों की भीनी सुगंध फैले। मुसाफिरों के मन को भाये और मथुरा-वृंदावन दुनिया के लिए एक आदर्श तीर्थ नगर बन जाए। ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष मिश्र ने कहा कि पॉलीथिन का प्रयोग नासूर बन गया है। ये हम सब के लिए एक अभिशाप बन गया है। इसको जड़ से खत्म करना होगा। इसमें ही जगत की भलाई है। महापौर डॉ. बंधु ने कहा कि मथुरा-वृंदावन को दो अक्टूबर से पहले पॉलीथिन मुक्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए दैनिक जागरण का प्रयास तारीफे काबिल है। महापौर ने आम आदमी से पॉलीथिन मुक्त में ब्रज के अभियान में सबको सहभागिता करने की अपील की। नगर आयुक्त समीर वर्मा ने कहा कि पॉलीथिन का प्रयोग बंद नहीं किया तो हमारे पास हाथ मलने के सिवाय कुछ नहीं रह जाएगा। आने वाली पीढि़यां तमाम बीमारियों की चपेट में आ जाएंगी। जमीन अन्न उगलना बंद कर देगी और वायु में भी दम घुटने लगेगा। इस विकट संकट से बचने को पॉलीथिन का प्रयोग बंद करना ही होगा।