हिरासत में आत्मदाह का प्रयास: एक घटना ने खड़े कर दिए कई सवाल, कठघरे में पुलिस Agra News
मोबाइल व रुपये लूटने के आरोप में पकड़ा था फीरोजाबाद का युवक। छलेसर चौकी पर हुई घटना को छिपाती रही पुलिस।
आगरा, जागरण संवाददाता। पुलिस चौकी में लूट के आरोपित ने खुद को आग के हवाले कर पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। एक घटना और सवाल दर्जनों। हालांंकि खुदकशी का प्रयास करने वाले जफर की हालत बुधवार दोपहर तक स्थिर बनी हुई है। पुलिस जांच रिपोर्ट शाम तक तैयार होने की बात कह रही है।
बता दें कि फीरोजाबाद के थाना दक्षिण क्षेत्र में शाही मस्जिद कटरा पठान निवासी 23 वर्षीय जफर पुत्र सादिक मंगलवार तड़के छलेसर चौकी के पास ट्रक चालक से मोबाइल और रुपये लूटते पकड़ा गया था। उसके दो साथी फरार हो गए। चालक व क्लीनर ने उसे पुलिस को सौंप दिया। ट्रक चालक ओरैया केसेमरा पुरवा निवासी बाबू पुत्र बलवीर से चौकी पर पुलिसकर्मी तहरीर लिखवा रहे थे। इसी बीच जफर के कहने पर पुलिसकर्मियों ने उसे चौकी परिसर में बने शौचालय की ओर जाने दिया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि शौचालय में डीजल से भरी कट्टी रखी थी। जफर ने अपने ऊपर डीजल उड़ेल आग लगा ली। जफर की चीख सुन पहुंचे पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई। जफर कमर से ऊपर काफी जल चुका था। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस घटना को अधिकारी शाम तक छुपाए रही। रात आठ बजे उसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। छलेसर चौकी में लूट के आरोपित जफर के आग लगाने की घटना दारोगा ने सात घंटे तक अधिकारियों से छिपाए रखी। सीओ को शाम चार बजे घटना की जानकारी दी। इसके बाद सीओ ने शाम पांच बजे एसएसपी को मामले से अवगत कराया। घटना सुबह नौ बजे हुई थी। उस समय चौकी प्रभारी अनिरुद्ध वहां नहीं थे। वह आधा घंटे बाद चौकी पर पहुंचे। उसे सिपाहियों की मदद से एत्माद्दौला क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया। सीओ एत्मादपुर अतुल सोनकर को चौकी में हुई गंभीर घटना के बारे में नहीं बताया। रात करीब आठ बजे आइजी समेत अन्य आला अधिकारियों को घटना की जानकारी हो सकी। इसके बाद अधिकारी हरकत में आए। मामले की जांच सीओ एत्मादपुर कर रहे हैं।
कैसे पहुंची कट्टी, कहां से आई माचिस
मथुरा के सुरीर थाने में दंपती द्वारा खुद को जिंदा जलाने की घटना के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया। छलेसर चौकी परिसर में शौचालय गया जफर के पास कट्टी कैसे पहुंच गई? वहां माचिस कैसे मिल गई? इसका कोई जवाब पुलिस के पास नहीं है।
ट्रक चालक से रुपये और मोबाइल लूटने के आरोप में पुलिस ने जफर को छलेसर चौकी पर रखा था। आरोपित को अभिरक्षा में लेने के बाद उसकी तलाशी नहीं ली गई थी। यदि तलाशी ली होती तो माचिस उसके पास नहीं होती। दूसरी गलती पुलिस ने आरोपित को शौचालय भेजने के दौरान बरती। यदि वहां पहले से डीजल की कट्टी रखी थी तो उसे हटाया क्यों नहीं। पुलिस का दावा है कि डीजल की कट्टी जफर अपने साथ छिपाकर ले गया था। जबकि 20 लीटर वाली डीजल की कट्टी को किसी की नजरों से छिपाकर ले जाना संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि डीजल की कट्टी शौचालय में पहले से रखी थी। यह इससे भी साबित होता है कि पुलिस ने जफर से लूट का मोबाइल और पर्स ही बरामद दिखाया है।
देर रात परिजनों ने लगाया जाम
देर रात घटना की जानकारी होने पर जफर के परिजनों ने फीरोजाबाद में जैन मंदिर के पास हाईवे पर जाम लगा दिया। परिजन मामले में पुलिस की भूमिका को दोषी मान रहे हैं। परिजनों का कहना है कि वह दोस्तों के साथ शॉपिंग करने के लिए आगरा गया था। उन्हें दिन के घटनाक्रम की जानकारी नहीं मिली। रात 10 बजे मीडिया के जरिए उन्हें गिरफ्तारी और आग लगाने की जानकारी मिली। दो महीने पहले पिता की मौत के बाद जफर पर परिवार चलाने की जिम्मेदारी है। परिवार वालों का कहना है कि उनका जफर अपराधी नहीं है। जफर के छोटे भाई गुलफाम ने बताया कि कुछ माह पहले मोहल्ले में हुई मारपीट की घटना में पुलिस ने उसे एक बार गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जफर के छोटे भाई चूड़ी का काम करते हैं।