विषय छह, किताब 17, कॉपी 30
आगरा(जागरण संवाददाता): सीबीएसई के स्कूलों में पाठ्यक्रम समान है और विषय भी समान, लेकिन छह बिषय होने
आगरा(जागरण संवाददाता): सीबीएसई के स्कूलों में पाठ्यक्रम समान है और विषय भी समान, लेकिन छह बिषय होने के बाद भी किताबें 15 से 17 और कापियां 30 तक मंगाईं जा रही हैं। मजबूर अभिभावक गिनी चुनी दुकान होने की वजह से ठगने को मजबूर हैं।
स्कूल संचालकों की मनमानी की स्थिति यह है कि कंप्यूटर की एक ही किताब कक्षा दो, तीन और कक्षा आठ में पढ़ाई जाती है। यानि एक छात्र कक्षा आठ तक तीन बार वह किताब पढ़ेगा। इसकी कीमत छह सौ रुपये है। जाहिर है कि ऐसा प्रकाशकों और दुकानदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि शासन-प्रशासन ने स्कूल संचालकों को खुली छूट दे रखी है, इसी वजह से एक्टविटीज के नाम पर कई किताबें और कई कॉपियां अतिरिक्त लिखी जा रही हैं। परिणाम स्वरूप बच्चों पर बस्ते का बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
बिल देख अभिभावक भौचक्के
सीबीएसई स्कूलों में चलने वाली किताबें आमतौर पर 15 फीसद तक महंगी हो गईं हैं। आलम यह है कि कक्षा आठ की ड्राइंग की किताब तीन सौ रुपये की है, सादा कॉपी 30, लंबी कॉपी 60 रुपये, स्टेशनरी 300 से 500 रुपये तक है। पिछले साल इनके दाम 15 फीसद कम थे। कक्षा आठ के सिलेबस के लिए अभिभावकों को 5354 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि कक्षा दो का सिलेबस 3485 रुपये का है। कक्षा तीन का सिलेबस चार हजार रुपये में आ रहा है। दुकानों पर किताबों के सेट का बिल देख अभिभावक भौचक्के रह जा रहे हैं। बेटे का सिलेबस खरीदने आए अश्वनी गौतम का कहना है कि स्कूल संचालकों और किताब विक्रेताओं के गठजोड़ का अभिभावक को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
प्रशासन निष्क्रिय
प्रशासनिक अधिकारी चाहें तो स्कूल संचालकों की मनमानी पर अंकुश लग सकता है, लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। डीआइओएस डॉ.विनोद राय ने बताया कि अगर किसी स्कूल की मनमानी की शिकायत आएगी तो उसे सीबीएसई के लिए अग्रसारित कर दिया जाएगा।
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जो स्कूल अतिरिक्त किताब और कॉपी लिख रहे हैं। उन्हें हम समझाएंगे।
सुशील गुप्ता, अध्यक्ष, अप्सा